छठ महापर्व को लेकर मिथिला पेंटिंग, कलाकार खासा उत्साहित, सूप-देउरा में उकेर रहे मिथिला संस्कृति
मधुबनी : लोक आस्था का महापर्व छठ आगामी 10 नवंबर को मनाया जाएगा। इस महापर्व में बांस से बने सूप, दउरा व डगरा का बहुत महत्व है। व्रती इसमें ठेकुआ, फल-फूल व अन्य पूजा सामग्रियों को रखकर अर्घ्य देती हैं। बदलते ट्रेंड के साथ अब सूप, दउरा व डगरा पर भी नयापन का रंग चढ़ता जा रहा है। इस बार छठ को लेकर सूप, दउरा व डगरा को मिथिला पेंटिंग से सजाया जा रहा है।मधुबनी व आसपास के इलाकों में तैयार मिथिला पेंटिंग से सजे सूप, दउरा व डगरा दरभंगा, मुजफ्फरपुर एवं देह के अन्य कई हिस्सों में भेजे जा रहे हैं, जो लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। इस कला से जुड़ीं महिलाएं बांस के सूप के दोनों ओर मधुबनी पेंटिंग शैली में भगवान सूर्य की तस्वीर बना रही हैं। दउरा पर भी मिथिला की पेंटिंग की कलाकारी लोगों का दिल जीत रही है। इस तरह के सूप व डगरा की कीमत कम से कम 250 रुपये है, जबकि दउरा 350 रुपये तक बिक रहा है। आकार के अनुसार भी इसके दाम लिए जा रहे हैं। मधुबनी के कई वरिष्ठ कलाकार इस मधुबनी पेंटिंग को प्रोत्साहित कर रही हैं।
मिथिला पेंटिंग करने वाली कलाकारों ने बताया हैं कि इस बार बड़ी संख्या में लोग मधुबनी पेंटिंग से सजे सूप, दउरा व डगरा की ओर आकर्षित हुए हैं। हमलोगों के साथ कई महिलाएं इससे जुड़ी हुई हैं। मधुबनी के कई हिस्सों में इसे तैयार किया जा रहा है। विभा, गीता, सुनीता, मंजू व सुलेखा ने बताया कि डेढ़ साल से मिथिला पेंटिंग कर स्वरोजगार से जुड़ी हुई हूं। इससे परिवार को आर्थिक मदद मिल जाती है। साथ ही हमारे हुनर को भी पहचान मिल रही है।
हमारी कारीगरी के अनुसार हमें मेहनताना मिल जाता है। इससे हम छोटी-छोटी जरूरतों को खुद से पूरा कर पाती हैं। इसमें परिवार का भी भरपूर सहयोग व प्रोत्साहन मिल रहा है। साथ ही समय का भी अच्छा सदुपयोग हो जाता है। अधिक से अधिक लोगों तक मिथिला पेंटिंग से सजे दउरा, डगरा व सूप पहुंच सके, इसकी कोशिश की जा रही है। इसके जरिए पर्व और ज्यादा आकर्षक बनाने की तैयारी है।
सुमित कुमार की रिपोर्ट