विधायक अरुणा देवी के आवास पर ग्रामीणों ने ईंट पत्थर से किया हमला, सात नामजद 

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नवादा : जिले के वारिसलीगंज विधायक अरुणा देवी के अपसड गांव स्थित आवास पर पड़ोसी सह पंचायत चुनाव में मात खाये एक ग्रामीण व उनके समर्थकों द्वारा भद्दी-भद्दी गालियां बकते हुए अभद्र व्यवहार करने का प्रयास किया। विधायक के अंगरक्षकों द्वारा उपद्रव पर उतारू ग्रामीणों को खदेड़ दिया गया। आरोपियों द्वारा विधायक के आवास पर इंट-पत्थर फेंका जाने लगा। इस दौरान विधायक अरुणा देवी को आंशिक चोटें आने की बात कही जा रही है।

सात के खिलाफ प्रथमिकी दर्ज़ :

एमएलए के आवेदन पर वारिसलीगंज थाना में ग्रामीण उपेन्द्र सिंह उर्फ रामनंदन सिंह, श्याम नंदन सिंह समेत कुल सात ग्रामीणों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। जिसमें कानूनी करवाई करते हुए इस प्रकार की हरकत पर रोक लगाने की मांग पुलिस से की गयी है। प्राथमिकी दर्ज होते ही पुलिस घटना की जांच में जुट गयी है।

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विधायक छवि खराब करने के लिए ग्रामीणों ने किया हमला :

घटना के संबंध में विधायक ने बताया कि सम्पन्न पंचायत चुनाव के दौरान मेरा या मेरे पति अखिलेश सिंह द्वारा कहीं कोई हस्तक्षेप या किसी खास प्रत्याशी के लिए कार्य नहीं किया गया। लेकिन उपरोक्त ग्रामीण ने जान बूझ कर विधायक की छवि को बदनाम करने एवं घर पर पहुंचकर गाली गलौज देने का कार्य किया गया। इतना ही नहीं विधायक पति एवं बॉडी गार्ड के विरुद्ध मनगढ़ंत प्राथमिकी दर्ज करवाया गया है। विधायक ने मामले को पारदर्शी ढंग से जांचोपरांत कार्रवाई की मांग के साथ ही पुलिस से अपनी एवं अपने स्वजनों की सुरक्षा की मांग की है।

क्या है मामला :

विधायक पति सरदार अखिलेश सिंह व उनके अंगरक्षक धनंजय सिंह ने मिलकर बीते दिन ग्रामीण की बेरहमी से पिटाई कर दी थी। वजह बताया गया था कि समर्थित मुखिया के विरुद्ध मतदान करना। जिसकी सूचना हमारे एजेंसी द्वारा पहले भी कवर किया गया था। इस बावत थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने गये पीड़िता को थानाध्यक्ष ने डांट-डपट कर भगा दिया। जिसके बाद पीड़िता ने इसकी शिकायत एसपी से करते हुए प्राण रक्षा की गुहार लगाई है।

आज भी विधायक पति का आतंक बरकरार, न्याय नहीं मिला तो घर वापस लौटने के बजाय करलूंगा आत्मदाह

पीड़िता रविवार को समाहरणालय पहुंचे लेकिन अवकाश होने के कारण वहां किसी से भेंट न होने के कारण एसपी आवास पहुंच न्याय की गुहार लगाई लेकिन वहां भी कोई सुनने को तैयार नहीं हुआ। उन्होंने समाहरणालय पहुंच कहा कि अगर न्याय नहीं मिला तथा सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की गयी तो आत्मदाह कर लूंगा लेकिन घर वापस नहीं लौटूंगा। आज भी विधायक पति का आतंक बरकरार है। ऐसी स्थिति में घर वापस लौटने के बजाय आत्मदाह करने में ही भलाई है ।

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