पटना : बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य में छोटे बच्चों व किशोरों के इलाज के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य हो रहे हैं। कई रोगों से ग्रसित ऐसे बच्चे, जिनको गंभीर सर्जरी की जरूरत थी। उनके लिए सरकार सर्जरी की व्यवस्था मुफ्त उपलब्ध कराने में हर प्रकार का सहयोग प्रदान कर रही है। कोरोना काल में जहां अस्पतालों का फोकस संक्रमण रोकने में था। ऐसी परिस्थिति में भी जरुरतमंद बच्चों को उचित इलाज की व्यवस्था की गई।
पांडेय ने कहा कि प्रदेश के ऐसे बच्चे जो कम आय वाले परिवार से ताल्लुक रखते हैं। जो विभिन्न मानसिक व शारीरिक बीमारियों से जूझ रहे हैं। उन्हें उचित इलाज मुहैया करवाने में स्वास्थ्य विभाग तत्पर है। राज्य भर में इस साल सितंबर माह तक जन्म से लेकर 18 वर्ष तक के जिन बच्चों की विभिन्न बीमारियों की मेजर सर्जरी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त हुई है। उनमें न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट से ग्रसित 13 बच्चों की सर्जरी इस साल की गई।
डेवलपमेंट डिस्प्लेसिया आफ हिप से ग्रसित 2 बच्चों का मुफ्त सर्जरी की गई है। वहीं क्लबफुट से ग्रसित 307, क्लेफ्ट लिप 7, क्लेफ्ट पैलेट 5, क्लेफ्ट लिप एंड पैलेट 11, जन्मजात हृदय रोग (सीएचडी) 182, आंख 18, कान 5 की सर्जरी राज्य भर के अलग-अलग सरकारी मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में की गई।
पांडेय ने कहा कि इन सभी रोगों के इलाज के लिए राज्य में मोबाइल हेल्थ टीम कार्य करती है। राज्य के जिन मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों में इनकी सर्जरी की जाती है उनमें आईजीआईएमएस, आईजीआईसी पटना, एम्स पटना, पीएमसीएच पटना,एनएमसीएच गया, जेएलएनएमसीएच भागलपुर, एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर, डीएमसीएच, दरभंगा शामिल है। बच्चों को विभिन्न बीमारियों में इस प्रकार की सर्जरी की जरुरत तभी पड़ती है, जब गर्भवती महिलाओं में किसी प्रकार की कमी रह जाती है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को पूरी तरह से जागरूक रहने की जरुरत है।