करीबी होने के कारण मुलायम ने बनाया था VC, अब पहनने वाले कपड़ों को जब्त कर ले गई SVU, राजभवन पर उठ रहे सवाल
पटना : बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति से लेकर वित्तीय लेन-देन की प्रक्रिया विवादों में है। इस विवाद की आंच राजभवन तक पहुँची है और इसकी शिकायत पीएम मोदी तक की गई है। लम्बे समय से इस संबंध में हो रही कार्रवाई की मांग का असर अब दिखने लगा है। भ्रष्टाचार के मामले में स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने गत दिनों बड़ी कार्रवाई करते हुए मगध विश्वविद्यालय के कुलपति राजेन्द्र प्रसाद यादव के वीसी आवास और गोरखपुर में उनके निजी घर पर एक साथ छापेमारी की गई। वीसी के घर से करीब 2 करोड़ कैश मिले हैं। वहीं, 1 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए हैं।
इस बीच छापेमारी को लेकर एक दिलचस्प जानकारी बाहर आ रही है। मिली जानकारी के मुताबिक़ स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने कुलपति के कपड़ों को भी जब्त करके ले गई है। बताया जाता है कि वे महंगे कपड़ों के शौकिन थे। कुलपति के पोशाक की कीमत दो हजार से 40 हजार तक होती थी। बेल्ट की कीमत दो हजार, शर्ट की कीमत 5 हजार, पैंट की कीमत 5 हजार, टाई की कीमत 5 हजार और सूट की कीमत 40 हजार रुपए होती थी। छापेमारी में 23 शॉल, कुर्ता पायजामा, गर्म कपड़े, 8 सूट, 5 टाई, 3 शर्ट, 3 पैंट, 3 ब्रिफकेस और 2 ट्राली बैग जब्त हुई है।
क्या है राजनीतिक कनेक्शन
वर्तमान में मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजेंद्र प्रसाद यादव, जिनपर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगा है और जांच जारी है, उनके बारे में कहा जाता है कि वे उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के करीबी हैं। इसी वजह वर्ष 2013 में पीसी त्रिवेदी की जगह पर प्रो. राजेंद्र को गोरखपुर विश्वविद्यालय का कुलपति बना दिया गया था। वे फरवरी 2014 तक इस पद पर रहे थे।
भ्रष्ट लोगों को जिम्मेदारी देने से बचे राजभवन
इस तरह के मामले सामने आने के बाद अब बिहार में सत्ता-पक्ष के लोग कुलपति की नियुक्ति पर सवाल उठाना शुरू कर दिए हैं। इसी कड़ी में भाजपा नेता और बाढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजेंद्र सिंह को लेकर कहा कि राजभवन के अधिकारियों की गलती के कारण ऐसे लोगों को बड़े संस्था की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। इसलिए राजभवन के अधिकारियों को राज्यपाल के पद की गरिमा को बनाये रखने के लिए भ्रष्ट लोगों को जिम्मेदारी देने से बचना चाहिए।
ऐसा कोई विश्वविद्यालय नहीं, जहां के कुलपति और रजिस्ट्रार की छवि साफ
बहराहल, बिहार के विश्वविद्यालयों में कुलपति और कुलसचिव की नियुक्ति को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। जो भी नियुक्तियां हो रही है वो नियुक्तियां पिक एंड चूज़ की ओर इशारा करती है। इन नियुक्तियों के कारण राजभवन पर सवाल उठने लगा है। इसको लेकर भाजपा नेता ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने कहा कि आज बिहार में कोई भी ऐसा विश्वविद्यालय नहीं है, जहां के कुलपति और रजिस्ट्रार की छवि साफ हो।