कन्हैया का पीएम पर निशाना, कहा- गुमराह नहीं कर पाए तो कह रहे हैं समझा नहीं पाए

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पटना : गुरुनानक देव के जयंती के अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने तीन विवादास्पद कृषि कानून को वापस लेने के साथ उससे जुड़े मुद्दों पर विचार करने की घोषणा की है। जिसको लेकर कई लोग अपने तरीके से प्रतिक्रियायें दे रहे हैं। कुछ लोग तो किसान कानून को आते ही किसान हितैषी बताने में जूट चुके थे और साबित भी कर रहे थे। वही लोग आज वापस के आवाह्न पर भी सराह रहे हैं।

तपस्या की वेदी में और कितनी आहुति :

वहीं कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने नरेंद्र मोदी पर सीधा निशाना साधते हुए ट्वीट करके कहा कि “बेईमान ने ऐलान किया है कि उसकी ‘तपस्या’ में कमी रह गई! तपस्या की वेदी में और कितनी आहुति लोगे महाराज??”

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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 700 से ज्यादा किसानों ने शहादत दी और साहेब “गुमराह नहीं कर पाए” को “समझा नहीं पाए” बोल रहे हैं।

क़ाबू में करके ही दम लेगें :

आपको बता दें कि कन्हैया ने इससे पहले अपने एक पुराने ट्वीट को भी रिट्वीट किया जिसमें लिखा हुआ था सुनिए सरकार, ये किसान हैं। भड़के हुए बैलों को क़ाबू करने का हुनर इनको आता है। भला इनको कौन भड़काएगा! आपने इनकी बर्बादी के क़ानून लिखे हैं। देखना, ये आपको भी क़ाबू में करके ही दम लेगें। इसके साथ ही कन्हैया लिखा कि जय जवान, जय किसान, जय संविधान।

14 महीने बाद बिल वापसी की घोषणा

आपको मालूम हो कि मोदी सरकार ने 17 सितंबर तीन कृषि कानून लोकसभा में मंजूर होने पर हरसिमरत कौर ने इस्तीफा दे दिया था। हंगामे के बीच 20 सितंबर 2020 को तीन कृषि बिल राज्यसभा में पास हुआ था। 27 सितंबर 2020 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की दस्तखत से कानून बने। 14 अक्टूबर 2020 को किसान से बात चीत के लिए कृषि सचिव पहुंचे लेकिन किसानों ने बहिष्कार किया। 500 से अधिक किसान संगठनों ने मिलकर संयुक्त किसान मोर्चा बनाकर पंजाब और हरियाणा के किसान 25 नवंबर को दिल्ली के लिय कुच किया। कृषि कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची भारतीए किसान संगठन और 15 मई 2021 को कला दिवस के रूप में भी मनाया गया। तो कल यानी 20 नवंबर 2021 को लगभग 14 महीने बाद वापस लेने की घोषणा की गई।

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