जिस जज ने मधुबनी SP को दी थी ट्रेनिंग की सलाह, उसी पर दारोगा ने तानी पिस्टल
मधुबनी : बिहार में एक बार फिर वर्दीधारियों ने सुशासन की छवि को कलंकित किया है। मधुबनी जिले के झंझारपुर में दरोगा और इंस्पेक्टर ने जज के चेम्बर में घुसकर जज के साथ मारपीट की है। इस दौरान बीच-बचाव करने आये कर्मचारी चंदन कुमार के साथ भी दोनों पुलिसकर्मियों ने मारपीट की है।
घोघरडीहा थाने के थानेदार गोपाल कृष्ण और ASI अभिमन्यु कुमार झंझारपुर कोर्ट परिसर में एडीजे अविनाश कुमार के कक्ष में घुसकर गाली-गलौज करते हुए कहा कि तुम्हारी हैसियत कैसे हुई कि तुम हम दोनों को तलब करोगे, हम तुमको एडीजे नहीं मानते हैं।
वहीं, मौजूद प्रत्यक्षदर्शी वकील ने बताया कि दोनों पुलिसकर्मी गाली-गलौज करते हुए जज के साथ मारपीट शुरू कर दी। दोनों पुलिसकर्मी भद्दी-भद्दी गालियां दे रहे थे, जिसे सार्वजनिक तरीके से कहा नहीं जा सकता। इस दौरान पुलिसकर्मी जज के कनपटी पर बंदूक ताने हुए था, जिसे जज के सहायक यानी अनुसेवक छुड़ाने का प्रयास कर रहा था, इस दौरान दोनों पुलिसकर्मी ने जज अनुसेवक को भी जमकर पीटा। इसके बाद भारी संख्या में वकील वहां पहुंचे और दोनों आरोपी पुलिसकर्मी को कोर्ट कक्ष में ही बंद कर दिया। घटना के कुछ समय बाद ही मौके पर प्रशासन से जुड़े हुए आला अधिकारी वहां पहुंच कर आगे की कार्रवाई की।
मालूम हो कि एडीजे प्रथम अविनाश कुमार ने एक नाबालिक बच्ची के अपहरण के मामले में पुलिस की ओर से सही धारा नहीं लगाने को लेकर पुलिस को फटकार लगाते हुए काफी सख्त रुख अख्तियार किए हुए थे। इसको लेकर वे मधुबनी के एसपी सत्य प्रकाश के बारे में आदेश दिया था कि यहां के एसपी को कानून के साथ-साथ आपराधिक मामलों में सुसंगत धारा लगाने की सही जानकारी नहीं है, इसलिए इन्हें हैदराबाद प्रशिक्षण के लिए भेजा जाए।
एडवोकेट एसोसिएशन ने बताया न्यायिक व्यवस्था पर प्रशासनिक हमला
एडवोकेट एसोसिएशन झंझारपुर ने इस मामले की निंदा करते हुए कहा कि 18 नवंबर को अपरान्ह अनुमंडीय व्यवहार न्यायालय झंझारपुर के कोर्ट परिसर में उपस्थित सभी अधिवक्तागण खुले तौर पर झंझारपुर ए0डी0जे० अविनाश कुमार के चेम्बर में S.H.O घोघरडीहा एवं उनके साथ आए अन्य पुलिस पदाधिकरी द्वारा अमानवीय घटना को अंजाम दिया गया है, जिसे न्यायिक व्यवस्था पर प्रशासनिक हमला करार देते हुए उक्त घटना की घोर निंदा का प्रस्ताव पारित किया जाता है। साथ ही एसोसिएशन ने कहा कि जब तक आरोपी पुलिसकर्मी और एसपी पर कार्रवाई नहीं होती है, तब तक कोर्ट में कार्यवाही नहीं होगी।