‘पत्रकारिता ने चंपारण सत्याग्रह को आंदोलन का स्वरूप दिया और हम आजाद हुए’

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आजादी के अमृत महोत्सव पर पत्रकारिता की दशा-दिशा पर परिचर्चा

मोतिहारी : मोतिहारी जिला मुख्यालय के एक सभागार में एनयूजे बिहार की पूर्वी चंपारण इकाई के तत्वावधान में 75 साल आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में 75 साल की आजादी में पत्रकारिता की दशा-दिशा पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एनयूजे पूर्वी चंपारण के जिला संयोजक राजन दत्त द्विवेदी ने कहा कि गुलाम भारत में पत्रकारिता ने ही स्वतंत्रता की नींव रखी और आज हम आजाद हैं।

वरीय पत्रकार अशोक वर्मा ने कहा कि आज के दौर में पत्रकारिता पर कॉरपोरेट घरानों का वर्चस्व है। वर्चस्व से हटकर गुलाम हो रही पत्रकारिता को आजादी दिलाने की कोशिश करनी चाहिए। एक दौर था जब चंपारण में पंडित राजकुमार शुक्ल, पीर मोहम्मद मुनीश सहित तीन पत्रकारों ने अपनी पत्रकारिता से निलहों के अत्याचार की खबर महात्मा गांधी तक पहुंचाई। अंततः उनकी पत्रकारिता से चंपारण में सत्याग्रह आंदोलन का स्वरूप लिया और हम आजाद हुए। यानी हर समय पत्रकारों को अपने स्थान, समाज, राज्य व देश के हित में आवाज उठाने की जरूरत है।

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एनयूजे पूर्वी चंपारण के जिला सह संयोजक विनोद कुमार सिंह ने कहा कि आज के दौर में डिजिटल मीडिया ने पत्रकारिता को नया आयाम दिया है। लेकिन, बगैर साक्ष्य और पक्ष की पत्रकारिता करना कहीं से ठीक नहीं। हम पत्रकारों को चाहिए कि पत्रकारिता को संस्कार और संस्कृति को सुदृढ़ बनाने का मजबती से यत्न करें। मौके पर पत्रकारों में नरेंद्र झा, आनंद प्रकाश, विजय पांडेय, संजय सिंह, दिनेश्वर प्रसाद, ओमप्रकाश मिश्र, विजय मिश्रा, रूपेश तिवारी, प्रभात रंजन, मनोज कुमार आदि मौजूद थे। धन्यवाद ज्ञापन वरीय पत्रकार बिनोद कुमार सिंह ने किया।

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