पटना : बिहार सरकार पर लागातार लग रहे बेलगाम अफसरशाही के आरोपों के बीच अब राज्य सरकार ने माननीय को पूरा सम्मान देने की तैयारी कर ली है। सांसद और विधानमंडल के सदस्यों को सम्मान देने को लेकर एक बार फिर से राज्य सरकार के स्तर से आदेश जारी किया गया है।
दरअसल, सरकार के मुख्य सचिव त्रिपुरारि शरण ने सभी विभागों के प्रमुख के साथ डीजीपी, कमिश्नर और डीएम को बुधवार को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने कहा है कि सरकारी आयोजनों और मुख्यमंत्री और अन्य माननीयों द्वारा उद्घाटन-शिलान्यास के कार्यक्रमों में स्थानीय सांसद, विधायक, विधान पार्षद को आमंत्रित करना अब जरूरी होगा। माननीयों को ना केवल आमंत्रित किया जाएगा बल्कि समारोह में उनके लिए सम्मानजनक स्थान भी आरक्षित रहेगा।
इसके साथ ही मुख्य सचिव ने कहा है कि सांसदों और विधानमंडल के सदस्यों के साथ शिष्टतापूर्ण और सम्मानजनक व्यवहार करने और राज्य में आयोजित समारोह या बैठकों में स्थान आरक्षित रखने को लेकर पहले से ही संकल्प जारी है। साथ ही माननीयों की तरफ से बताई गई समस्याओं का सम्मानजनक समाधन किए जाने के संबंध में भी विस्तृत मार्गदर्शन दिया गया है। वहीं, जनवरी 2018 में जारी निर्देशों के तहत राज्य में आयोजित राजकीय समारोह या मुख्यमंत्री और अन्य माननीयों द्वारा किए जानेवाले शिलान्यास व उद्घाटन जैसे समारोह में स्थानीय सांसद व विधानमंडल के सदस्यों को निश्चित रूप से आमंत्रित करना है।
वहीं, उन्होंने कहा कि इसके बावजूद कुछ मामलों में देखा गया है कि ऐसे समारोह में स्थानीय सांसदों और विधान मंडल सदस्यों को आमंत्रित नहीं किया गया है कई मौकों पर सम्मानजनक स्थान नहीं दिया गया है। लेकिन अब ऐसा करने पर उचित करवाई भी की जा सकेगी।
मुख्य सचिव ने ऐसे किसी समारोह में स्थानीय सांसद और विधानमंडल के सदस्यों को निश्चित रूप से आमंत्रित करने के साथ उनके लिए सम्मानजनक स्थान आरक्षित रखने का निर्देश देते हुए इसे सुनिश्चित करने को कहा है।
वहीं, इस आदेश के बाद ऐसा माना जा रहा है कि अब बिहार में जनप्रतिनिधियों की तरफ से अफसरशाही को लेकर लगने वाले आरोपों में कमी आएगी। साथ ही अफसर भी अब माननीयों के साथ अदब से पेश आएंगे।