भारत के सभी निर्यातक भारत भाग्य विधाता हैं
पटना : केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों और बिहार सरकार के उद्योग विभाग द्वारा अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में पटना में अधिवेशन भवन में ”आयोजित एक्सपोर्टर कांक्लेव और प्रदर्शनी” में कहा कि लघु और कुटीर उद्योग के बलपर बिहार निर्यात का केंद्र बनेगा। निर्यातकों को भारत भाग्य विधाता की संज्ञा देते हुए उन्होंने कहा की की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारतीय अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने में ये महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मिशन लोकल फॉर वोकल के अंतर्गत बिहार के सभी जिलों में इसके लिए आधारभूत संरचना तैयार हो रही है ताकि बिहार आने वाले समय में निर्यात का केंद्र बने। हमारे घरेलू उत्पाद और निर्यात में छोटे उद्योगों का बड़ा महत्व है। सर्विस क्षेत्र में इसका योगदान 25% है और भारत में निर्यात में इसका योगदान 45% है। पॉलिसी स्तर पर भारत सरकार ने कई योजनाएं लागू की हैं। जैसे स्कीम फॉर प्रमोशन ऑफ इनोवेशन रूरल इंडस्ट्री एंड एंटरप्रेन्योरशिप जिसके अंतर्गत इनोवेशन और इंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने का काम किया जाता है।
स्फूर्ति योजना 2021 का उद्देश्य पारंपरिक ढंग से काम कर रहे उद्योगों तथा उनके कार्यक्रमों का कौशल विकास करना है। इसमें सरकार द्वारा फंडिंग की जाती है तथा विशेष प्रकार की ट्रेनिंग दी जाती है। एक अन्य योजना जीरो डिफेक्ट जीरो इफेक्ट है। इसमें छोटे उद्योगों को विश्वस्तरीय बड़ा बनाने के लिए कई प्रावधान किए गए है। इसको कार्यान्वित करने के लिए क्वालिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया को नामित किया गया है।
बिहार सरकार ने भी उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए पुरानी नीतियों में संशोधन करने के साथ कुछ नई पॉलिसिया भी बनाई हैं जिसमें प्रमुख है एथेनॉल प्रोडक्शन पॉलिसी 2021, बिहार टैक्सटाइल एंड लेदर पॉलिसी 2021, बिहार लॉजिस्टिक पॉलिसी 2021, बिहार फार्मा पॉलिसी 2021, एक्सपोर्ट प्रमोशन पॉलिसी 2021 और बिहार आईसीडीएस पॉलिसी 2021
चौबे ने कहा कि संरचनात्मक स्तर पर बाधा दूर करने के लिए केंद्र सरकार तेजी से प्रयास कर रही है जिसमें राजमार्ग, जलमार्ग, हवाई मार्ग में तेजी से काम हो रहा है। कार्गो पोर्ट, एयरपोर्ट और रेल का जितना विकास पिछले 7 साल में हुआ है उतना पिछले 50 साल में नहीं हुआ। बिहार में फतुवा में कंटेनर डिपो को बेहतर बनाया जा रहा है, राष्ट्रीय जलमार्ग के फ्लोटिंग टर्मिनल को जेट्टी पर बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, नॉर्थ साउथ एक्सप्रेसवे जयनगर से होकर औरंगाबाद को जाता है। सार्क कॉरिडोर ट्रेंच 4 जो बांग्लादेश तक फैला हुआ है,वह बिहार से होकर गुजर रहा है। बिहार में आने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग को विश्वस्तरीय बनाने का काम चल रहा है जिसमें ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और अमृतसर कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को भी क्रियान्वित किया जा रहा है। इन सबका उद्देश्य निर्यात को बढ़ावा देना है।
बिहार में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए जो भी आवश्यकता है केंद्र सरकार द्वारा उसको तेजी से पूरा किया जा रहा है। पूंजी के अभाव को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुद्रा योजना, स्टैंड अप योजना, क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना लागू किया गया है। ईसीएलजीएस4 योजना भी लागू हुआ है जिसके अंतर्गत अस्पताल नर्सिंग होम मेडिकल कॉलेज वह ऑनसाइट ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने के लिए बहुत सुविधा मिल रहा है।
चौबे ने उपस्थित उद्यमियों और निर्यातकों से आह्वान किया कि वे केंद्र सरकार और बिहार सरकार के द्वारा दिए जा रहे सुविधाओं का लाभ उठाएं, निर्यात बढ़ाएं और बिहार और भारत के विकास में अपना योगदान दें। केंद्र सरकार उनको सभी सुविधाएं देने को तैयार बैठी है।
केंद्रीय मंत्री चौबे ने इस अवसर पर प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया जिसमें बिहार में उत्पादन होने वाले उत्पादों के अनेक एक काउंटर लगे हुए थे। इसमें सिल्क, मखाना, मेडिकल, मधुबनी पेंटिंग, मशीनरी, बांस तथा पत्थर से संबंधित उत्पादों का प्रदर्शन किया गया था।
इस कार्यक्रम में उद्योग विभाग,बिहार सरकार के निदेशक पंकज दीक्षित, खादी एवं ग्राम उद्योग आयोग के निदेशक डॉक्टर एम हनीफ मेवाती, आई एस ई पी सी के वरिष्ठ निदेशक और मुख्य सूचना अधिकारी संजीव कुमार, उद्योग विभाग, बिहार सरकार के संयुक्त सचिव बीएन प्रसाद सहित अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।