नरेंद्र मोदी सरकार ने 7 साल में कृषि बजट में किया छह गुना वृद्धि- सुशील मोदी

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केंद्र ने की जवानों की 45 साल पुरानी ‘वन रैंक, वन पेंशन’ मांग पूरी, एक साल में इस पर हुआ 1.33 हजार करोड़ खर्च

पटना : बिहार प्रदेश भाजपा किसान मोर्चा की ओर से विद्यापति भवन में ‘सेवा – समर्पण अभियान’ के तहत आयोजित ‘किसान-जवान सम्मान समारोह’ को संबोधित करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री व सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 2013-14 में जहां देश का कृषि बजट मात्र 22 हजार करोड़ का था, उसे 7 साल में केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार ने करीब छह गुना बढ़ा कर इस साल 1.34लाख करोड़ रु. कर दिया है। जवानों की 45 वर्षों से की जा रही ‘वन रैंक, वन पेंशन’ की मांग को भी मोदी सरकार ने ही 5 साल पहले पूरा किया जिसपर पिछले साल 1 लाख 33 हजार करोड़ ₹ खर्च हुआ है।

बिहार के किसानों को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि किसानों के हित में केंद्र सरकार द्वारा उठाये गए अनेक कदमों का ही नतीजा है कि वे कृषि कानून के मुद्दे पर राजद, कांग्रेस के बहकावे में नहीं आए और उनकी ओर से आयोजित धरना -प्रदर्शन को नकार दिया। इस माह आयोजित उनके भारत बंद को भी यहां के किसान एक बार फिर विफल कर देंगे। बिहार की तरह ही देश के अधिकांश राज्यों मसलन यूपी, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र के किसान भी अबतक विपक्ष के झांसे में नहीं आए हैं।

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सुमो ने कहा कि एमएसपी खत्म करने की विपक्ष की अफवाह भी बेबुनियाद साबित हुई है क्योंकि जहां गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य में पिछले 7 साल में प्रति क्विंटल 600₹ की वृद्धि हुई है वहीं इस साल एमएसपी पर रिकार्ड 82 हजार करोड़ मूल्य के गेहूं की खरीददारी की गई है, जिनमें 60% गेहूं कृषि कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे पंजाब,हरियाणा और पश्चमी उत्तरप्रदेश के किसानों ने ही बेचा हैं।

केंद्र सरकार खाद्य तेल के मामले में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अगले 5 साल में 11 हजार करोड़ रु. खर्च करने जा रही है। इसके तहत बिहार में 1.10 लाख हेक्टेयर में पाम की खेती की जाएगी क्योंकि खाद्य तेल की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत को प्रतिवर्ष 60% पाम ऑयल का आयात करना पड़ता है।

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