‘व्यक्ति ज्ञानी तभी कहलाता है, जब शैक्षणिक ज्ञान के साथ-साथ कौशल विधाओं में निपुण हो’
कोई भी व्यक्ति ज्ञानी तभी कहलाता है, जब वह शैक्षणिक ज्ञान के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के कौशल विधाओं में निपुण हो। उक्त बातें संस्कृत विश्वविद्यालय के दरबार हॉल में मिथिला लोकमंथन द्वारा आयोजित एक मासिक निशुल्क प्रशिक्षण शिविर “सर्जना कौशल विकास शिविर” के उद्घाटन कार्यक्रम में अपने अध्यक्षीय संबोधन में संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति शशि नाथ झा ने कही।
उन्होंने कौशल ज्ञान को परिभाषित करते हुए कहा कि शैक्षणिक ज्ञान अर्जन कर आप अर्थ संचयन कर सकते हैं परंतु विभिन्न प्रकार के कौशलात्मक ज्ञान से आप स्वयं, परिवार एवं समाज को विकास कर जीविकोपार्जन कर सकते हैं।
वहीं, मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित स्वामी विवेकानंद बीएड कॉलेज के संस्थापक श्याम नारायण कुंवर ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम से इस क्षेत्र के युवातियों के जीवन में एक नई अध्याय व रेखा का अंकन होगा, जिससे लाभान्वित होकर वे अपने जीवन में आगे बढ़ सकेंगी।
मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित दरभंगा सांसद डॉ० गोपाल जी ठाकुर ने भारत सरकार द्वारा कौशल विकास के क्षेत्र में किए जा रहे विभिन्न कार्यो की विस्तार पूर्वक विवेचना कर उपस्थित युवतियों को जानकारियां प्रदान किए तथा उन्होंने एक माह तक सफल कार्यक्रम आयोजन की शुभकामनाएं प्रदान की।
इस अवसर पर उद्घाटन कर्ता के रूप में उपस्थित स्वामी विवेकानंद कैंसर अस्पताल के निदेशक डॉ०अशोक सिंह ने कहा कि जिस प्रकार से मिथिला लोकमंथन एक छत के नीचे इतने सारे विद्याओं का निशुल्क प्रशिक्षण देने का कार्य करने जा रही है वह सराहनीय है।
वहीं, संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलानुशासक व कार्यक्रम संयोजक श्रीपति त्रिपाठी ने विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि चिति बिहार प्रांत द्वारा स्वीकृत व मिथिला लोकमंथन के द्वारा आयोजित एक माह तक खेल, योग, सिलाई, ड्रेस डिजाइनिंग, ब्यूटीशियन, पत्रकारिता, नृत्य, संगीत, मशरूम उत्पादन, मेहंदी, व्यक्तित्व विकास, प्राथमिक उपचार, मिथिला पेंटिंग, अंग्रेजी स्पोकन एवं प्रतियोगिता परीक्षा से संबंधित तैयारी जैसे प्रशिक्षण निशुल्क रूप से दिया जाएगा।
इस उद्घाटन कार्यक्रम में विजय साही, उत्तर बिहार प्रांत संयोजक राजाराम, प्रचारक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी अपने उद्बोधन से उपस्थित छात्राओं को लाभान्वित किया।
इस कार्यक्रम में सिलाई कढ़ाई प्रशिक्षक निशा शरण, मशरूम प्रशिक्षण प्रतिभा झा, मिथिला पेंटिंग प्रशिक्षक हेरंब कुमार, योग प्रशिक्षक राम विनोद ठाकुर, संगीत प्रशिक्षक मनीष आनंद, व्यक्तित्व विकास प्रशिक्षण ललित झा, खेल प्रशिक्षक पवन सहनी को पाग व अंग वस्त्र से सम्मानित किया गया जिनके द्वारा एक माह तक उपर्युक्त विद्याओं में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
कार्यक्रम का संचालन सुष्मिता कुमारी ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ० कन्हैया चौधरी ने किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में दामिनी, संध्या, मेनका, पूजा, रूपाली, डॉली, प्रतिभा, मणिकांत ठाकुर, पिंटू भंडारी, सूरज मिश्रा, आनंद मोहन, राजेश कुमार, बृजेश पाठक एवं विवेक जायसवाल आदि की भूमिका महत्वपूर्ण रही।