बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से आज मुलाकात की है। इस मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारे एक बार फिर चर्चा तेज हो गयी है। पश्चिम बंगाल चुनाव के दौरान भी तेजस्वी यादव की ममता बनर्जी से मुलाकात हुई थी। लेकिन एक बार फिर से इन दोनों नेताओं की मुलाकात को लेकर बिहार की राजनीति के माध्यम से बदलाव की पहल के रूप में महत्वपूर्ण सियासी घटनाक्रम के तौर पर देखा जा रहा है। कांग्रेस के पुराने समीकरण यानी दलित, मुसलिम और सवर्ण के साथ पिछड़ी जातियों की गोलबंदी की एक पहल के रूप में इसे देखा जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव हाल ही में रामविलास पासवान के पुत्र चिरोग पासवान से मिल थे। तेजस्वी यादव कोलकाता दौरे आज ही पटना वापस लौट रहे हैं। लेकिन, देश के स्तर पर कोई भी नया समीकरण नीतीश कुमार की पार्टी के बिना संभव नहीं है।
नीतीश कुमार की पार्टी जदयू विधानसभा चुनाव में बेहद खराब प्रदर्शन के कारणों की नए सिरे से समीक्षा कर रही है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह शनिवार से 2 दिनों तक लगातार समीक्षा बैठक करेंगे और पार्टी के खराब प्रदर्शन की वजह जानने के साथ-साथ उसे दुरुस्त करने के लिए भी पहल करेंगे। ललन सिंह की अध्यक्षता में प्रदेश कार्यालय में चल रही समीक्षा बैठक में लोक जनशक्ति पार्टी को हार का प्रमुख कारण माना जा रहा है। ऐसे में चिराग पासवान के साथ जदयू के सम्बंध सहज हो ही नहीं सकते। चिराग का साथ लगातार उनके नेता छोड़ रहे हैं। पहले चाचा पशुपति पारस ने चिराग का साथ छोड़ा और सांसदों को अपने साथ ले गए और अब दूसरे नेताओं ने भी चिराग से मुंह मोड़ना शुरू कर दिया है। पूर्व एमएलसी बिनोद कुमार सिंह ने पार्टी को अलविदा कहा तो उनके साथ मधुबनी में एलजेपी की पूरी यूनिट ही चिराग से किनारा कर लिया।