चतुर्थ चरण के तहत बिहार को 21.77 लाख मैट्रिक टन खाद्यान्न का हुआ आवंटन- चौबे
क्षेत्रीय कार्यालय भवन तथा मंडल कार्यालय भवन निर्माण संबंध में ली जानकारी
मुजफ्फरपुर : केंद्रीय पर्यावरण ,वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले ,खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली राज्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड महामारी के कारण लोगों की संकट को दूर करने के लिए तथा लोगों में खाद्य की सुरक्षा प्रदान करने हेतु प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का शुभारंभ किया है। यह योजना 2020 में कोविड महामारी के दौरान लागू किया गया था। करोना के प्रथम लहर में प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत देश के सभी पात्रता धारी नागरिकों को मुफ्त अनाज की व्यवस्था की थी। इसके तहत प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के प्रथम एवं द्वितीय चरण में बिहार के 8.71 करोड़ जनता को मुफ्त में अनाज दिया गया था । द्वितीय लहर के समय इसको पुनः चालू किया गया तथा तृतीय चरण में भी उठाव लगभग शत-प्रतिशत हो चुका है। वर्तमान में इस योजना के चतुर्थ चरण के तहत बिहार में 8.7 1 करोड़ जनता को प्रति माह 5 कि.ग्रा अनाज (2 कि.ग्रा गेहूं एवं 3 कि.ग्रा चावल) प्रति व्यक्ति परिवार के प्रत्येक सदस्य के पात्रता के अनुसार दिया जा रहा है। इसके तहत बिहार में कुल 21.77 लाख मैट्रिक टन खाद्यान्न का आवंटन किया गया है तथा इसमें से वर्तमान में लगभग 11.00 लाख एम.टी चावल और गेहूं का उठाव किया जा चुका है । इसके शत-प्रतिशत उठाव हेतु आवश्यक कदम उठाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने लाल किले के प्राचीर से 2024 तक सभी लाभार्थियों को एनएफएसए तथा अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत फोर्टीफाइड राइस अर्थात पोषण युक्त चावल वितरण करने की घोषणा की है। वर्तमान में मिड डे मील स्कीम तथा आई.सी.डी.एस के तहत इसका वितरण किया जा रहा है । इस चावल में 1% पोषण युक्त चावल मिलाया जाता है जो फॉलिक एसिड, आयरन और विटामिन से भरपूर होता है । इसका लक्ष्य बच्चों में कुपोषण को खत्म करना तथा गर्भवती महिलाओं के लिए पोषण आहार उपलब्ध कराना है ताकि हमारे देश के बच्चे स्वस्थ पैदा हों तथा स्वस्थ रहें । प्रधानमंत्री की योजना का देश के साथ-साथ बिहार को भी पूर्ण लाभ मिल रहा है ।
इस मौके पर केंद्रीय राज्यमंत्री चौबे ने कहा कि केंद्र सरकार खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ पौष्टिकता सुरक्षा का भी अब गारंटी लेगा । आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर प्रधानमंत्री ने कुपोषण को खत्म करने के लिए फोर्टीफाइड राइस उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। सरकारी योजनाओं के तहत जो चावल का वितरण होता है, उसमें पोषण युक्त चावल भी होगा। मंत्री ने यह भी कहा कि अब भारतीय खाद्य निगम राष्ट्र में खाद्य सुरक्षा के साथ साथ पौष्टिकता की सुरक्षा की भी गारंटी दे रहा है।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य व सार्वजनिक वितरण प्रणाली तथा पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि भारत का पहला चावल का साइलो बक्सर , मोहनिया में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू होगा।
केंद्रीय राज्यमंत्री चौबे ने कहा कि शाहाबाद का क्षेत्र धान के कटोरा के रूप में जाना जाता है। इसके शुरू होने से किसानों को काफी लाभ मिलेगा। यह गोदाम 11 एकड़ में बनेगा । इसका अनुमानित लागत रू. 33 करोड़ है जिसकी भंडारण क्षमता 12500 मेट्रिक टन की होगी। साथ ही साथ दोनों जगहों पर गेहूं का 37500 मेट्रिक टन की क्षमता साइलो भी बनेगा । साइलो वैज्ञानिक तरीके से बनाया एक अत्याधुनिक भंडारण की व्यवस्था है जिसमें गेहूं का भंडारण किया जाता है और इसे दो-तीन साल तक बिना किसी नुकसान के जैसा का तैसा रखा जाता है । साइलो का निर्माण भारतीय खाद्य निगम द्वारा संचालित किया जायेगा। गेंहू के लिए बिहार के 27 जिलों में साइलो गोदाम के लिए सर्वेक्षण कर लिया गया है तथा यहां लगभग 13.00 लाख मेट्रिक टन का साइलो भी बनाया जायगा । बिहार में अभी वर्तमान में 50 हजार एमटी के साइलो का कटिहार में प्रयोग में आ चुका है ।
वन नेशन वन राशन कार्ड
वर्तमान में भारत सरकार ने वन नेशन वन राशन कार्ड के सिद्धांत को भी पूर्ण रूप से लागू कर दिया है। इसके तहत बिहार के प्रवासी मजदूर भाइयों को बहुत सहायता मिल रहा है। इसके तहत वे देश के किसी भी कोने में राशन की दुकान से निर्धारित मात्रा में खाद्यान्न का उठाव कर सकते हैं। यह आधार से लिंक है तथा इसमें अंगूठे के निशान के माध्यम से खाद्यान्न का उठाव किया जाता है । इससे हमारे गरीब बिहार के लोगों को बहुत फायदा मिल रहा है । वर्तमान में एक सूचना के अनुसार लगभग इसका लाभ 25 लाख बिहारी देश के कोने कोने में उठा रहे हैं जिसमें मुख्यतः दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र तथा तमिलनाडु के प्रवासी बिहारी नागरिक हैं ।
वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा सारे राशन कार्ड को भी डिजिटल किया जा चुका है इससे बहुत सारे फर्जी राशन कार्ड को प्रयोग से हटा दिया गया है एवं कालाबाजारी नियंत्रित करने में प्रभावी हुआ है।
मंत्री ने भारतीय खाद्य निगम के दीघा घाट स्थित एफसीआई कार्यालय के निरीक्षण के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में प्रस्तावित क्षेत्रीय कार्यालय भवन तथा मंडल कार्यालय भवन निर्माण संबंध में जानकारी ली ।
उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि इसके निर्माण हेतु तत्काल कार्रवाई करें। केंद्रीय मंत्री ने एफसीआई, दीघा घाट, पटना कार्यालय के अंतर्गत आने वाले जमीन के संबंध में नक्शा एवं उपलब्ध दस्तावेजों के माध्यम से विस्तृत जानकारी हासिल की । दीघा घाट के इस जमीन पर भारतीय खाद्य निगम के क्षेत्रीय कार्यालय भवन, मंडल कार्यालय भवन, अतिथि गृह एवं अन्य आधारभूत संरचना के लिए भवन निर्माण हेतु प्रस्तावित है तथा मंत्री के द्वारा निर्माण को शीघ्र प्रारंभ करने हेतु अधिकारियों को निर्देश दिया गया।