उच्च सदन में ऐसा निम्नस्तरीय आचारण कभी नहीं दिखा, विपक्ष देश से माफी माँगे- सुमो
पटना : संसद का मॉनसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। विपक्ष द्वारा पेगासस जासूसी कांड, कृषि कानून, बेरोजगारी, महंगाई के मुद्दे सदन के लगातार हंगामा जारी रहा। विपक्ष प्रतिदिन सत्तापक्ष ज्वलंत मुद्दे पर सदन में घेरती रही, जिसके कारण इस बार का सत्र उम्मीदों के मुताबिक नहीं चल सका।
सत्र को लेकर विपक्ष के रवैये पर निशाना साधते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता सह राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि संसद के मानसून सत्र में विपक्ष ने जिस तरह से टेबुल पर चढ कर हंगामे किये, आसन की ओर फाइल के बंडल फेंके और महिला मार्शलों तक से मारपीट की, वह गुंडागर्दी की पराकाष्ठा थी। इसके लिए विपक्ष को जनता से माफी माँगनी चाहिए। सत्र के अंतिम दिन उच्च सदन में विपक्षी सदस्यों का आचरण जिस निम्नतम तल पर था, वैसा मैंने अपने संसदीय जीवन के 32 साल में कभी नहीं देखा था।
सुमो ने कहा कि विपक्ष ने उस समय भी हंगामा किया, जब कृषि पर जयराम रमेश के प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो चुकी थी और जब महंगाई पर दिग्विजय सिंह का प्रस्ताव विचार के लिए स्वीकृत हो चुका था।विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं। यदि वे संसद ठप कर सरकार को दलितों-पिछड़ों और गरीबों के हित में बड़े फैसले करने से रोकना चाहते हैं, तो वे कभी कामयाब नहीं होंगे।
संसद के इतिहास में पहली बार विपक्ष ने नये मंत्रियों का परिचय तक नहीं होने दिया और मंत्रियों को धमकी दी गई। कांग्रेस नेतृत्व वाले विपक्षी दलों को पिछड़े वर्ग से आने वाले नरेंद्र मोदी का लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बनना और ओबीसी समुदाय के एक साथ 27 सांसदों को मंत्री बनाना बर्दाश्त नहीं हो रहा है।