‘बच्चों के बेहतर बुनियादी ढांचे, समग्र शिक्षा और विकास को सुनिश्चित कर रही मोदी सरकार’
पटना : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार बच्चों के बेहतर बुनियादी ढांचे, समग्र शिक्षा और विकास को सुनिश्चित कर रही है। बच्चों में नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिए 2016 से अब तक 8,700 से अधिक अटल टिंकरिंग लैब स्थापित किए गए हैं। छात्र-शिक्षक अनुपात में भी सुधार किया गया है।
देश में शुरू हो रही विद्यांजलि 2.0, निष्ठा 3.0, टॉकिंग बुक्स और यूएलडी आधारित डिक्शनरी जैसी योजनाएं भारत के भविष्य को परिभाषित करने में अहम भूमिका निभाएंगी। देश ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के साथ सबका प्रयास का जो संकल्प लिया है, ‘विद्यांजलि 2.0’ उसके लिए एक प्लेटफॉर्म की तरह है। इसमें हमारे समाज को, हमारे प्राइवेट सेक्टर को आगे आना है और सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में अपना योगदान देना है।
SQAAF को अखिल भारतीय स्कूलों के लिए वैज्ञानिक ढांचे को मजबूत करने के लिए भी शुरू किया गया है। किसी भी राष्ट्र की प्रगति के लिए शिक्षा को समावेशी और समान दोनों होना चाहिए।इस प्रकार, देश शिक्षा के हिस्से के रूप में बोलने वाली किताबों और ऑडियो किताबों को शामिल कर रहा है। यूनिवर्सल डिज़ाइन ऑफ़ लर्निंग (UDL) के आधार पर, एक भारतीय सांकेतिक भाषा शब्दकोश विकसित किया गया है।
अरविंद सिंह ने कहा कि तेजी से बदलते इस दौर में हमारे शिक्षकों को भी नई व्यवस्थाओं और तकनीकों के बारे में तेजी से सीखना होता है। ‘निष्ठा’ प्रशिक्षण कार्यक्रम के जरिए देश अपने शिक्षकों को इन्हीं बदलावों के लिए तैयार कर रहा है।
वर्ल्डवाइड एजुकेटिंग फॉर द फ्यूचर इंडेक्स 2019 में भारत दुनिया भर में 35वें स्थान पर है। उच्च शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए, मोदी सरकार ने 2014 से हर दिन दो कॉलेज स्थापित किए हैं। पहली बार फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी और रेल एंड ट्रांसपोर्ट यूनिवर्सिटी की भी स्थापना हुई।
अरविन्द सिंह ने कहा कि रिकॉर्ड 71 भारतीय विश्वविद्यालयों ने पिछले साल 63 से विश्व विश्वविद्यालय रैंकिंग में जगह बनाई है।उच्च शिक्षा में छात्रों की संख्या भी 2015-16 के 3.54 करोड़ से बढ़कर 2019-20 के दौरान 3.85 करोड़ हो गई है। 2015 से 2020 तक उच्च शिक्षा में लड़कियों के सकल नामांकन में 18% की वृद्धि हुई।
मोदी सरकार भारत की उच्च शिक्षा को मजबूत कर रही है, 2014 से हर साल एक नया IIT और IIM खोला गया है। 2014 से हर हफ्ते एक विश्वविद्यालय स्थापित किया गया है। लद्दाख को अपना पहला केंद्रीय विश्वविद्यालय मिला। पूर्वोत्तर में 22 और विश्वविद्यालय खुले।
स्वास्थ्य शिक्षा को सुलभ बना रही है मोदी सरकार 2014-2020 के दौरान एमबीबीएस सीटों में 56% और पीजी सीटों में 80% की वृद्धि हुई है। 6 नए एम्स चालू हो गए हैं जबकि 16 अन्य पाइपलाइन में हैं।