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संभावित तीसरी लहर को देखते हुए सभी जरुरी कदम उठाये जायेंगे- सीएम नीतीश

पटना : “जागरूकता, जांच और टीकाकरण कोरोना संक्रमण से लड़ने का सबसे अचूक जरिया है। नियमित जांच द्वारा संक्रमण के फैलाव को रोका जा सकता है और मास्क का इस्तेमाल सभी को नियमित तौर पर करना जरुरी है। कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए राज्य सरकार दस हजार करोड़ से ऊपर की राशि खर्च कर चुकी है और आगे भी संभावित तीसरी लहर को देखते हुए सभी जरुरी कदम उठाये जायेंगे”, उक्त बातें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में 2705.35 करोड़ की लागत से 989 परियोजनाओं लोकार्पण/ शिलान्यास एवं शुभारंभ करते हुए कही।

टेलीमेडिसिन एवं ई-संजीवनी ओपीडी से जनमानस को मिलेगी सुविधा

नीतीश कुमार ने कहा कि टेलीमेडिसिन एवं ई-संजीवनी ओपीडी जैसी सेवाओं की शुरुआत से जनमानस को सुगम तरीके से चिकित्सकीय सलाह और सुविधा उपलब्ध हो पायेगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी संचालित एवं तैयार की जा रही सुविधाओं से राज्य के किसी भी नागरिक को उपचार के लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। अस्पतालों में कचरा निष्पादन को लेकर किया गया निर्णय अस्पतालों की तस्वीर बेहतर करने में मदद करेगा और इससे संस्थानों को अतिरिक्त राजस्व की भी प्राप्ति होगी। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ प्रक्षेत्र में हो रहे कार्यों को सोशल मीडिया के माध्यम से जनमानस तक पहुंचाने की अपील की।

राज्य में 122 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित- स्वास्थ्य मंत्री

कायक्रम को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य में 122 स्वास्थ्य संस्थानों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किये जा चुके हैं। सरकार ने 5000 डी-टाइप ऑक्सीजन सिलिंडर की खरीदारी की है। राज्य के विभिन्न अस्पतालों की 6500 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराये जा चुके हैं। राज्य के अस्पतालों को 169 पोर्टेबल एक्सरे मशीन भी उपलब्ध करायी गयी है और 16 स्वास्थ्य संस्थानों में सीटी स्कैन की सुविधा अब उपलब्ध है।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य में अभी 1269 एम्बुलेंस कार्यरत है और 534 लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस एम्बुलेंस जनमानस के लिए उपलब्ध होंगे। स्वास्थ्य विभाग ने लक्ष्य रखा है कि शहरी क्षेत्रों में 30 मिनट और ग्रामीण क्षेत्रों में 20 मिनट के अन्दर मरीज को एम्बुलेंस द्वारा उपचार उपलब्ध हो सके। मंत्री ने बताया कि जल्द ही राज्य में करीब 3300 चिकित्सकों की बहाली होगी और यह प्रक्रिया अंतिम चरण में है।