बढ़ी सरगर्मी : इस बार 187 में नहीं, 182 पंचायतों में ही होगा चुनाव

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– गांव की चौपालों से लेकर सरकारी दफ्तरों तक तैयारियां तेज, प्रशासन संसाधन तो प्रत्याशी समर्थन जुटाने में लगे

नवादा : राज्य चुनाव आयोग ने अबतक पंचायत चुनाव तिथि की घोषणा नहीं की है। भले ही प्रशासन द्वारा अपनी तैयारियांआरंभ कर दी है लेकिन पंचायत चुनाव लड़ने के इच्छुक संभावित प्रत्याशियों ने अपनी शतरंज की गोटी बैठाने में लग गये हैं। इसके पूर्व पंचायत चुनाव सितंबर-नवंबर में होने की सूचना मिलने के बाद नये से लेकर पुराने उम्मीदवारों ने जिले में पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज कर दी थी। गांव के चौपाल से लेकर प्रशासनिक दफ्तरों में चुनाव को लेकर सरगर्मियां बढ़ गयी थी। लेकिन अचानक चुनाव आयोग द्वारा पत्र के लीक होने व अगली नयी तिथि की घोषणा बाद में करने के साथ ही पुराने खिलाड़ियों ने अपनी मुट्ठी बंद कर ली।

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संभावनाओं के मुताबिक जिले में 10 चरणों में चुनाव होंगे । हालांकि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा अब तक चुनाव तिथ की घोषणा नहीं की है। फिर भी तैयारियां जोरों पर है। प्रशासनिक अधिकारी जहां चुनाव के लिए संसाधन जुटाने में लगे हैं वही संभावित प्रत्याशी समर्थन जुटाने में। इस बार मुखिया, सरपंच पंचायत समिति सदस्य, पंच और वार्ड सदस्य के करीब ढाई सौ पद कम जाएंगे। नगर निकायों के विस्तारीकरण के चलते 5 पंचायत अस्तित्व विहीन हो गए हैं लिहाजा जिले के 187 पंचायतों में से 182 पंचायतों में ही इस बार चुनाव होगा। ऐसे में विलोपित हो गए पंचायतों में चुनावी चहलकदमी नहीं है।

शेष 182 पंचायतों में चुनाव को लेकर शहर से गांव तक धीरे-धीरे सरगर्मी बढ़ती जा रही है। वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे है। चुनाव को लेकर मतदाता सूची का पुनरीक्षण का काम चल रहा है। जैसे-जैसे प्रशासनिक तैयारी चल रही है, ठीक उसी तरह भावी प्रत्याशी भी अपनी रणनीति बना रहे है। प्रत्याशी देर रात तक लोगों के घर घर पहुंच रहे हैं। नगर निकायों के विस्तारीकरण से 5 पंचायत अस्तित्व विहीन हो गए हैं ।

इन पंचायतों की बदली सूरत :-

नवादा ,वारिसलीगंज और हिसुआ नगर परिषद में शामिल पांच पंचायतों का अस्तित्व समाप्त हो गया है ,जबकि तीन पंचायतों का मुख्यालय बदल गया है। सदर प्रखंड के ननौरा पंचायत का मुख्यालय अब कुरमा हो गया है। हिसुआ प्रखंड के बगोदर पंचायत का मुख्यालय बजरा हो गया है जबकि नरहट प्रखंड का पाली खुर्द पंचायत अब पाली कला हो गया है।

वहीं, सदर प्रखंड का भदौनी, देदौर व गोनावां पंचायत तथा अकबरपुर प्रखंड का फरहा पंचायत नवादा नगर परिषद का हिस्सा हो गया है। ​जिले में अब 254 की जगह 246 पंचायत समिति के पद रह गए हैं। 8 पद समाप्त हो गया है। रजौली के टकुआटांड का 01, अकबरपुर के फरहा का 02, नवादा के गोनावां का 02, देदौर का 01 और भदौनी का 2 पंचायत समिति पद समाप्त हो गया है।

तय हुआ नामांकन शुल्क :-

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा किस पद पर प्रत्याशी बनने के लिए कितना नामांकन शुल्क देना होगा, यह भी निर्धारित कर दिया है। ग्राम कचहरी के पंच और पंचायत के सदस्य पद के लिए दो सौ पचास रुपए नामांकन शुल्क देना होगा। वहीं महिला अनुसूचित जाति एवं जनजाति और पिछड़ा वर्ग के प्रत्याशियों को एक सौ 25 रुपए देना होगा। इसी प्रकार मुखिया, सरपंच और पंचायत समिति सदस्य पद के लिए एक हजार रुपए शुल्क देना। होगा जबकि जिला परिषद् के सदस्य पद के लिए दो हजार रुपए शुल्क देना होगा। इन्हीं पदों के लिए महिला अनुसूचित जाति एवं जनजाति और पिछड़ा वर्ग के प्रत्याशियों को एक हजार रुपए देना होगा।

गांवों में सात निश्चय पर सबसे अधिक चर्चा: –

गलियों और चौक-चौराहों पर चुनावी चर्चा होने लगी है। वर्तमान मुखिया और वार्ड सदस्य पंचायतों में हुए सात निश्चय के तहत नली गली, हर घर नल योजना सामाजिक सुरक्षा पेंशन, जल योजना, राशन कार्ड का लाभ आदि की उपलब्धि बताकर लोगों को रिझा रहे हैं तो विपक्षी इन योजनाओं में हुए भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा रहे हैं। लोग फेसबुक पर तस्वीरें डालकर अपनी बात रख रहे हैं। फिलहाल सोशल मीडिया पर प्रचार जोरों पर है। ऐसे में अब लोगों को चुनाव तिथि की घोषणा का इंतजार है

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