सरकार से लेकर संगठन तक बेबस नजर आ रहे नीतीश, हर फैसले को मिल रही चुनौती!

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nitish kumar

पटना : बीते दिन पोस्टर के जरिये जदयू की आंतरिक विवाद सामने आने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सफाई दी है। सीएम नीतीश व जदयू के सर्वमान्य नेता ने कहा कि पार्टी में कोई गुट नहीं है, बल्कि पार्टी एकजुट है। उन्होंने अध्यक्ष पद को लेकर कहा कि जब हमने अध्यक्ष पद छोड़ने का मन बनाया तो आरसीपी सिंह को अध्यक्ष बनाया गया, इसके बाद जब वे केंद्र में मंत्री बने, तो उन्होंने अध्यक्ष पद छोड़ते हुए ललन सिंह का नाम आगे किया। इसके बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सर्वसम्मति से ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया, इसमें कहीं कोई विवाद नहीं है।

उन्होंने आगे कहा कि ललन सिंह समता पार्टी से पहले ही जदयू से जुड़े हैं, तो विवाद का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। पोस्टर विवाद को लेकर सीएम ने कहा कि पार्टी में सबका सम्मान होता है, कुछ लोगों को छपवाने का शौक होता है तो छपवा दिया होगा, लेकिन उसे कुछ भी सही से मालूम नहीं होगा, गलती से ऐसा हुआ होगा।

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ज्ञातव्य हो कि ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद से ही जदयू के अंदर वर्चस्व की लड़ाई तेज है। आरसीपी से अध्यक्ष पद छीनने के बाद से ही जदयू दो गुट में बंटी नजर आ रही है। लेकिन, रविवार यानी आज यह गुटबाजी खुलकर सामने आई। दरअसल, केंद्र में मंत्री बनने व राष्ट्रीय अध्यक्ष पद गंवाने के बाद आरसीपी सिंह 16 अगस्त को पहली बार बिहार आ रहे हैं। इससे पहले आरसीपी खेमा अपने-आप को मजबूत दिखाने के लिए जी-जान से लगी हुई है। राजधानी पटना को पोस्टर व बैनर से सजाया जा रहा है। आरसीपी गुट इस तैयारी में है कि कहीं से भी ललन सिंह की तुलना में वे कम नहीं दिखे।

लेकिन, आरसीपी गुट ने अपने आप को मजबूत दिखाने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह व पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को ही आरसीपी के स्वागत में लगे पोस्टर से गायब कर दिया। पोस्टर से नीतीश के दो सबसे भरोसेमंद साथी व पार्टी के महत्वपूर्ण नेता के गायब होने के बाद इस बात की चर्चा तेज है कि नीतीश के फैसले से आरसीपी गुट खुश नहीं है। हालाँकि, इससे पहले आरसीपी के केंद्र में मंत्री बनने के बाद ललन सिंह के भी समर्थक खुश नहीं थे। बड़ी बगावत को भांपते हुए नीतीश ने ललन को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया।

वहीँ, पोस्टर में ललन सिंह व उपेंद्र कुशवाहा के गायब रहने को लेकर अभय कुशवाहा ने कहा कि पोस्टर में गलती से ललन सिंह व उपेंद्र कुशवाहा की फोटो नहीं लगी। पोस्टर तैयार होने के बाद हमने पोस्टर नहीं देखा, दूसरी बात यह कि हमने अपने समर्थकों को पोस्टर लगवाने कहा था, इसलिए गलती हुई। अभय कुशवाहा ने आगे कहा कि इस गलती को लेकर पार्टी जो कार्रवाई करेगी उसके लिए तैयार हैं। लेकिन, पोस्टर नहीं हटेगी। हालाँकि, ललन समर्थकों द्वारा पोस्टर हटाया गया।

हाल के दिनों में घटी तमाम राजनीतिक घटनाओं से नीतीश कुमार काफी बेबस नजर आ रहे हैं, इकबाल के साथ न ही सरकार चला पा रहे हैं न ही संगठन, सरकार में शामिल मंत्री अफसरशाही से परेशान होकर सार्वजनिक रूप से कहते हैं कि इस्तीफ़ा देने जा रहा हूँ। सरकार में शामिल सहयोगी दल भाजपा ने बीते 15 साल में पहली बार पंचायती राज को लेकर अपनी बात मनवा ली। इसके अलावा ऐसा पहली बार हुआ जब अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारीयों का तबादला नीतीश की पसंद के विपरीत हुआ। इसमें सबसे प्रमुख आमिर सुबहानी को गृह सचिव के पद से हटाया जाना है। जातीय जनगणना की बात किये तो शराबबंदी पर सवाल उठने लगा। वहीँ, सांगठनिक स्तर पर नीतीश के फैसले को गलत साबित करने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष व संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष की तस्वीर गायब कर दी जाती है।

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