पटना : ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद से ही जदयू के अंदर वर्चस्व की लड़ाई तेज है। आरसीपी के केंद्र में मंत्री बनने के बाद से ही राष्ट्रीय अध्यक्ष बदलने की चर्चा तेज हो गई थी। और हुआ भी, राष्ट्रीय अध्यक्ष बदले गए, पार्टी के वरिष्ठ व नीतीश कुमार पुराने साथी ललन को राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई। आरसीपी से अध्यक्ष पद छीनने के बाद से ही जदयू दो गुट में बंटी नजर आ रही है। लेकिन, रविवार यानी आज यह गुटबाजी खुलकर सामने आई।
दरअसल, केंद्र में मंत्री बनने व राष्ट्रीय अध्यक्ष पद गंवाने के बाद आरसीपी सिंह 16 अगस्त को पहली बार बिहार आ रहे हैं। इससे पहले आरसीपी खेमा अपने-आप को मजबूत दिखाने के लिए जी-जान से लगी हुई है। राजधानी पटना को पोस्टर व बैनर से सजाया जा रहा है। आरसीपी गुट इस तैयारी में है कि कहीं से भी ललन सिंह की तुलना में वे कम नहीं दिखे।
लेकिन, आरसीपी गुट ने अपने आप को मजबूत दिखाने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह व पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को ही आरसीपी के स्वागत में लगे पोस्टर से गायब कर दिया। पोस्टर से नीतीश के दो सबसे भरोसेमंद साथी व पार्टी के महत्वपूर्ण नेता के गायब होने के बाद इस बात की चर्चा तेज है कि नीतीश के फैसले से आरसीपी गुट खुश नहीं है। हालाँकि, इससे पहले आरसीपी के केंद्र में मंत्री बनने के बाद ललन सिंह के भी समर्थक खुश नहीं थे। बड़ी बगावत को भांपते हुए नीतीश ने ललन को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया।
वहीँ, पोस्टर में ललन सिंह व उपेंद्र कुशवाहा के गायब रहने को लेकर अभय कुशवाहा ने कहा कि पोस्टर में गलती से ललन सिंह व उपेंद्र कुशवाहा की फोटो नहीं लगी। पोस्टर तैयार होने के बाद हमने पोस्टर नहीं देखा, दूसरी बात यह कि हमने अपने समर्थकों को पोस्टर लगवाने कहा था, इसलिए गलती हुई। अभय कुशवाहा ने आगे कहा कि इस गलती को लेकर पार्टी जो कार्रवाई करेगी उसके लिए तैयार हैं। लेकिन, पोस्टर नहीं हटेगी। हालाँकि, अब ललन समर्थकों द्वारा पोस्टर हटाया जा रहा है।
बहरहाल, अब यह कहा जा रहा है कि आरसीपी सिंह व ललन सिंह के बीच वर्चस्व की लड़ाई में अभय कुशवाहा ने बड़ी गलती कर दी है, लिहाजा ललन सिंह अपने-आप को मजबूत दिखाने के लिए उमेश कुशवाहा के कन्धों का सहारा लेकर जदयू से अभय कुशवाहा कुशवाहा का राजनीतिक खेल समाप्त कर सकते हैं। वहीँ, उमेश कुशवाहा ने कार्रवाई की बात कही है, अगर अभय कुशवाहा पर कार्रवाई होती है तो ललन सिंह व आरसीपी के बीच वर्चस्व की लड़ाई में अभय कुशवाहा बलि का बकरा बन सकते हैं।