पटना : स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए राज्य के 22 जिलों में एमडीए ( मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) अभियान चलेगा। इसमें अररिया, बाँका, बेगुसराय, भागलपुर, बक्सर, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, जहानाबाद, जमुई, कैमुर, कटिहार, खगड़िया, मधेपुरा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, पटना, सहरसा, सारण, सीतामढ़ी, सीवान एवं सुपौल जिला शामिल है। पहले 14 जून 2021 से ही राज्य के 22 जिलों में एमडीए अभियान शुरू करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन कोरोना संक्रमण के मद्देनजर अब इस अभियान की शुरुआत 20 सितम्बर से की जाएगी।
पांडेय ने बताया कि इसको लेकर सभी चिह्नित जिलों में तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं। अभियान के बारे में समुदाय को जागरूक करने के लिए आईईसी सामग्रियां बनाई गयी हैं, जिसे संबंधित जिलों में वितरित किया जाएगा। अभियान के शुरू होने से पूर्व दवाओं की मांग एवं आपूर्ति की कार्य-योजना भी पूरी की जाएगी। अभियान के बेहतर संचालन के मद्देनजर राज्य, जिला एवं प्रखंड स्तर पर टास्क फोर्स की बैठक के आयोजन के साथ कार्य-योजना की समीक्षा भी होगी। एमडीए राउंड के दौरान अधिकतम योग्य लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाना सुनिश्चित किया जाएगा। अभियान के दौरान एलबेंडाजोल एवं डीईसी की दवाएं लोगों को खिलाई जाएगी। 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर रोग से ग्रसित लोगों को छोड़कर शेष सभी लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाई जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि फाइलेरिया वैश्विक स्तर पर गंभीर रोगों की सूची में शामिल है। वैश्विक स्तर पर भारत फाइलेरिया से सर्वाधिक प्रभावित देशों में शामिल है। जबकि भारत में बिहार फाइलेरिया से सर्वाधिक लोग प्रभावित हैं। फाइलेरिया उन्मूलन के लिए यह जरूरी है कि एमडीए राउंड में सभी योग्य लोग दवा का सेवन करें। फाइलेरिया से ग्रसित व्यक्तियों में शुरुआती दौर में कभी-कभी कोई लक्षण भी नहीं दिखते हैं या लक्षण दिखने में कई साल भी लग जाते हैं। इसलिए सभी योग्य लोगों के लिए दवा सेवन काफी जरूरी है। फाइलेरिया से बचाव का रास्ता इसके उपचार से काफी आसान है। घर के आस-पास गंदगी जमा नहीं होने दें एवं घरों में सोने से पहले मच्छरदानी का उपयोग करें। साथ ही अन्य लोगों को दवा सेवन के प्रति जागरूक भी करें, ताकि फाइलेरिया जैसी बीमारी जड़ से समाप्त हो सके।