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भाजपा से उधार लिए नेताओं के बदौलत उसी को धमका रहे सहनी, दी पर्दे में आग लगाने की धमकी

पटना : सरकार के खिलाफ बिगुल फूंकना वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी को भारी पड़ने लगा है। इसका डर अब उन्हें सतानी लगा है। इसलिए मुकेश सहनी आज काफी व्याकुल नजर आ रहे थे। पार्टी के अंदर सहनी के खिलाफ बगावत शुरू होने के बाद आज उन्होंने भाजपा को चेतावनी देते हुए कहा कि जो लोग पर्दे के पीछे पार्टी तोड़ने का काम कर रहे हैं, मैं उस पर्दे में ही आग लगा दूंगा।

भाजपा नेताओं के बदौलत ही भाजपा को धमका रहे सहनी

पार्टी टूटने के डर से मुकेश सहनी ने भाजपा को खुला चैलेंज देते हुए कहा कि हिम्मत है तो सामने आकर ही बातें करें। कुछ लोग हमारी पार्टी को तोड़ना चाहते हैं। लेकिन, हमारी पार्टी हमारे साथ मजबूती से खड़ी है, हम सभी लोग मिल बैठकर बातें कर रहे हैं। सहनी का यह बयान दर्शाता है कि उनकी पार्टी के साथ बड़ी राजनीतिक घटना हो सकती है। चर्चाओं की मानें तो भाजपा बैकग्राउंड वाले नेता वीआईपी में अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। इसलिए वे लोग कभी भी भाजपा का दामन थाम सकते हैं। बहरहाल, सहनी भाजपा नेताओं के बदौलत ही भाजपा को धमकाने में लगे हैं।

ज्ञातव्य हो कि VIP नेता व विधायक राजू सिंह समेत सभी विधायकों का कहना है कि एनडीए की बैठक में शामिल नहीं होना मुकेश सहनी का निर्णय था। उन्होंने कहा कि बैठक में भाग नहीं लेना है, इसलिए हमलोग बैठक में शामिल नहीं हुए। पार्टी अध्यक्ष व नेताओं के बीच कोई तालमेल नहीं है। अधिसंख्य निर्णय बगैर बात-चीत के ही लिए जा रहे हैं। विधायकों का कहना है कि अगर मुकेश सहनी को लगता है कि उन्हें एनडीए में सम्मान नहीं मिल रहा है तो वे अलग हो जाएं। लेकिन, ऐसा तो बिल्कुल नहीं चलेगा कि जिसके साथ रहना है उसी को कोसना है। इसलिए गठबंधन को लेकर निर्णय होगा।

क्यों बिफरे हुए हैं सहनी

हाल के तमाम राजनीतिक प्रकरण के बाद मुकेश सहनी की पार्टी को लेकर कहा जा रहा है कि वे भाजपा से गठबंधन करने के लिए उत्तर प्रदेश गए थे। जहां, उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के प्रभारी राधामोहन सिंह से मिलकर साथ चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी। उन्होंने कुछ सीटों की मांग की थे। लेकिन, उन्होंने सीट देने की बात को नकार दिया। इसके बाद से ही सहनी के तेवर सख्त हो गए हैं और लगातार एनडीए के खिलाफ बयानबाजी कर सरकार को असहज करने में लगे हैं।

नहीं सुधरे तो टूट सकती है पार्टी

इन तमाम राजनीतिक घटनाओं के बाद पार्टी के चार विधायक जिनमें से कुछ आयातित हैं, उनको लेकर कहा जा रहा है कि अगर मुकेश सहनी अपने रवैए में बदलाव नहीं लाते हैं, तो वे लोग कभी भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी ऐसा करने में रुचि नहीं दिखा रही है। भारतीय जनता पार्टी नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक स्थिर सरकार चलाने के प्रयास में है, लेकिन अगर मुकेश सहनी अपने रवैया से बाज नहीं आएंगे तो इसके बाद वे सदन के सदस्य के रूप में अकेले बच जाएंगे।