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भोजपुर चित्रकला सम्मान संघर्ष में समाज के विभिन्न वर्गों का समर्थन

आरा : भोजपुरी संस्कृति की विरासत अत्यंत समृद्ध है।आवश्यकता है इसके संरक्षण और प्रोत्साहन की। भोजपुरी चित्रकला का विरोध किसी भी अन्य संस्कृति या कला से नहीं है। उपरोक्त बातें डुमरांव विधायक अजीत कुमार ने भोजपुरी संरक्षण कला मोर्चा द्वारा भोजपुरी चित्रकला को सम्मान और अवसर दिलाने के लिए आरा रेलवे स्टेशन पर आयोजित आंदोलन के बारहवें दिन के कार्यक्रम के दौरान कही। रूबी तिवारी, मेयर, आरा नगर निगम ने कहा कि भोजपुरी चित्रकला का सौंदर्य और स्वरूप अद्वितीय है।

नगर निगम इसको आगे बढ़ाने के लिए यथासंभव सहयोग करेगा। राष्ट्रीय स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष पवन श्रीवास्तव ने कलाकारों के श्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि युवाओं द्वारा भोजपुरी चित्रकला के संरक्षण हेतु किया जा रहा यह प्रयास प्रशंसनीय है।डॉ विजय गुप्ता ने कहा कि भोजपुर की धरती प्रतिभाओं एवं क्षमता से परिपूर्ण है।भोजपुरी चित्रकला के प्रदर्शनी एवं विकास हेतु मैं हरसंभव सहयोग प्रदान करूँगा।

रवींद्र भारती ने रेल प्रशासनिक अधिकारियों से आग्रह किया कि जल्द से जल्द कार्यादेश दें जिससे सौदर्यीकरणकरण का काम तेजी से हो। अप्रत्याशित रूप से अनेक भोजपुरी चित्रकार छाता पेंटिंग एवं चित्रयात्रा में शामिल हुए।इनमें चित्रकार कमलेश कुंदन, रौशन राय, विजय मेहता, कौशलेश कुमार, रुपेश कुमार पांडेय(ज्ञानपुरी), निकी कुमारी, शालिनी कुमारी, रूपा कुमारी, प्रशंसा कुमारी, मुकेश चौधरी, विवेक कुमार, श्रवण कुमार, अमन राज आदि प्रमुख थे।

चित्रयात्रा में चित्रकारों के अलावा रंगकर्मी अशोक मानव, कृष्णेन्दु, ओ पी पांडेय, संजय शाश्वत, डॉ0 पंकज भट्ट, सुनील कुमार चौधरी, मनोज सिंह, रतन देवा, कौशलेश पाण्डेय, पत्रकार डब्ल्यू कुमार, अशोक कुमार तिवारी, आशुतोष कुमार पांडेय, आकाश कुमार सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता सीता राम रवि, सुनील श्रीवास्तव, अभिषेक कुमार, कमलदीप कुमार, अभिनव कुमार, सत्येंद्र उपाध्याय, उत्कर्ष, इंदु देवी, सुरेश कुमार राय, शशि उपाध्याय, आशीष कुमार, डॉ0 जितेन्द्र शुक्ल, भास्कर मिश्र आदि ने भाग लिया।आज भी आम यात्रियों के साथ साथ महिलाओं ने भी इस आंदोलन की निहायत आवश्यकता बताई।

राजीव एन अग्रवाल की रिपोर्ट