भोजपुरी चित्रकला के सम्मान के लिए दूसरे दिन भी हस्ताक्षर अभियान
आरा : भोजपुरी कला संरक्षण मोर्चा के बैनर तले आज लगातार दूसरे दिन भोजपुरी चित्रकला को उचित सम्मान और स्थान दिलाने के लिए संघर्ष हेतु आम जनता को संवेदनशील बनाने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। बड़ी संख्या में महिलाओं,युवाओं और बुद्धिजीवियों ने बढ़ चढ़ कर इस अभियान में अपनी सशक्त उपस्थित दर्ज कराई। हस्ताक्षर कराने के दौरान यह बात सामने आई कि लोगों में भोजपुरी चित्रकला को उचित सम्मान और स्थान न मिलने से अत्यंत दुःख तथा नाराजगी है।
आम लोगों द्वारा यह भी अनुरोध किया गया कि इस संघर्ष को प्रखंड स्तर पर ले चलिये और स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर दबाव बनाकर इस मुद्दे को बड़े स्वरूप में लाइये ताकि संबंधित अधिकारियों को अपनी भूल का अहसास हो और भोजपुरी चित्रकला को भी उचित सम्मान और स्थान हासिल हो। अपनी पारंपिक संस्कृति के अपमान का दंश झेलने को कोई भी भोजपुरी व्यक्ति तैयार नहीं है। हस्ताक्षर करने वालों में अधिकतर लोग कठोर कदम उठाने ही नहीं अपितु उस संघर्ष में तन,मन और धन से साथ देने की भी बात कही।
कुछ लोगों ने यह सुझाव दिया कि इस अभियान में शिक्षाविदों को भी जोड़ कर मोर्चा को और मजबूत बनाया जाए। भोजपुरी कला संरक्षण मोर्चा द्वारा आज निर्णय लिया गया कि कल स्टेशन प्रबंधक से मिलकर स्टेशन परिसर में हो रहे मधुबनी चित्रकला के रोकने के लिए आवेदन दिया जायेगा और रेलवे प्रशासन द्वारा सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया तो परसों से गांधीवादी तरीके से मधुबनी चित्रकला के अंकन को रोक दिया जाएगा।
साथ ही जनप्रतिनिधियों से मिलकर उनपर भी दबाव बनाया जायेगा कि वे भी हमारा साथ दें और भोजपुरी चित्रकला को उचित सम्मान और स्थान दिलाने के लिए प्रयास करें।कोरोना गाईड लाइन का पालन करते हुए आज के हस्ताक्षर अभियान को सफल बनाने में वरिष्ठ चित्रकार रौशन राय, कमलेश कुंदन, विजय मेहता, कौशलेश कुमारI,सामाजिक कार्यकर्ता रवि प्रकाश सूरज, भास्कर मिश्र,अभिषेक प्रीतम, सुनील पांडेय,कमलदीप कुमार, अभिषेक कुमार, सीताराम रवि,आशीष कुमार,वरिष्ठ पत्रकार डब्ल्यू कुमार, ओम प्रकाश पाण्डेय,वरिष्ठ नाट्यकर्मी अशोक मानव, कृष्णेन्दु, शमशाद प्रेम, संजय शाश्वत, स्वयंबरा बक्शी, अनिल सिंह, विनोद सिंह आदि ने उल्लेखनीय योगदान दिया।अंत में मोर्चा के सक्रिय सदस्य रविंद्र भारती की माता जी और रंगमंच की संरक्षिका नन्दनी सिन्हा जी के आकस्मिक निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि भी दी गई।
राजीव एन0 अग्रवाल की रिपोर्ट