पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों के अदूरदर्शी सोच की नतीजा है पेट्रोल डीजल के दाम में बढ़ोतरी- भाजपा
कांग्रेस पार्टी के युवराज राहुल गांधी कांग्रेसी सरकारों द्वारा ऑइल बॉन्ड जारी करने पर भी कुछ बोलें
पटना : हाल के दिनों में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत में बढ़ोतरी को लेकर मोदी सरकार तमाम विरोधी दलों के निशाने पर है। वहीं, कीमत बढ़ोतरी को लेकर भाजपा नेताओं का कहना होता है कि जो कुछ हो रहा है वो कांग्रेस सरकार की नीतियों का नतीजा है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी बिहार के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कहा कि बढ़ते बेतहाशा पेट्रोल डीजल की दाम के बारे में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की अदूरदर्शी नीति और सोच का नतीजा है। पेट्रोलियम बांड को जारी करना और सब्सिडी देकर के दाम कम करना, तेल कंपनियों के घाटे के लिए जो पेट्रोलियम बांड कांग्रेस सरकार ने सन 1996- 97 मे जारी किया उसकी मैचूरिट 2010 से 2014 तक श्री नरेंद्र मोदी जी सरकार के समय में पूरी हो गई है, जिसका अरबों खरबों रुपया सब्सिडी भुगतान करना है।
कांग्रेस सरकार में पेट्रोलियम का दाम बढ़ता था तो तेल कंपनियों को मनमोहन सिंह सरकार कीमत कम करने के लिए कहती थी और उसके बदले ऑयल बॉन्ड जारी करती थी जो 10 से 20 साल में मैच्योरिटी उसकी होती थी, ब्याज समेत कंपनियों को पैसा मिलता था जो आज एनडीए सरकार में उसकी मैच्यूरिटी पूरी हो गई है, जिसका पूरा पैसा नरेंद्र मोदी सरकार को चुकाना पड़ रहा है।
अरविन्द सिंह ने कहा है कि जो बर्बादी का पेड़ कांग्रेस सरकार ने लगाया है आज उसका कड़वा फल एनडीए सरकार को खानी पड़ रही है, 1.3 एक लाख करोड़ के ऑइल बॉन्ड तेल कंपनियों को जारी कर कांग्रेसी सरकार के अदूरदर्शी नीति का भुगतान केंद्र सरकार को अक्टूबर 2021 से मार्च 2026 तक करना होगा। इस साल केंद्र को करीब 20 हजार करोड़ का ऑइल बॉन्ड का ब्याज चुकाना पड़ेगा।
भाजपा नेता ने कहा कि वित्त मंत्रालय के आंकड़ा है कि केंद्र इस साल अक्टूबर-नवंबर में 5-5 हजार करोड़ का पेमेंट ऑइल कंपनियों को केंद्र सरकार करेगा, इसके बाद साल 2023 मे केंद्र तेल कंपनियों को 22 हजार करोड़ का पेमेंट करेगा, साल 2024 में 40 हजार करोड़ का पेमेंट करेगा,साल 2026 में 37 हजार करोड़ की केंद्र तेल कंपनियों को अदायगी करेगा। पिछले 7 सालों में केंद्र सरकार को 70 हजार करोड़ का ब्याज देना पड़ा है तेल कंपनियों को।
कांग्रेसी सरकार के अदूरदर्शी नीति के कारन थोड़ा पीछे जाकर देखते हैं तो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार ने पेट्रोल और डीजल दोनों को डीकंट्रोल कर दिया था और उसके बदले आईल बांड जारी किया उसका कीमत लगभग अरबों खरबों रुपैया साल 2010 से 2014 तक का भुगतान केंद्र के एनडीए सरकार को करना पड़ रहा है। कांग्रेस के पाप का नतीजा भुगत रही है, केंद्र सरकार और आम जनता, तेल का दाम मजबूरी में बढ़ाना पड़ रहा है जिसका पैसा आप और हम चुका रहे हैं।