लालू यादव के कार्यकाल में बने अस्पताल राबड़ी के कार्यकाल में हो गए थे जर्जर- सुमो
पटना : लालू प्रसाद यादव के ट्वीट पर पलटवार करते हुए भाजपा नेता व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने वे अपने मुख्यमंत्री रहते हुए सहरसा व कुछ अन्य स्थानों पर जो रेफरल अस्पताल या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलवाये थे, वे उनकी पत्नी राबड़ी देवी के कार्यकाल में ही क्यों जर्जर होकर बंद हो गए?
लालू प्रसाद ने जिस रेफरल अस्पताल की फोटो ट्वीट की है, उसका निर्माण घटिया था और वहां डॉक्टर-नर्स की कोई व्यवस्था न होने से वह उद्घाटन के बाद से ही बंद था। एनडीए सरकार आने पर उस परिसर में नया अस्पताल बना।
सुमो ने कहा कि लालू-राबड़ी राज में 300 करोड़ रुपये का दवा घोटाला होने का मामला विधान सभा में उठा था, लेकिन तत्कालीन सरकार ने घोटालेबाजों को बचाने के लिए इसकी सीबीआई जाँच नहीं करायी। इस लूट का खामियाजा गरीब-मजदूर और महादलित समुदाय के उन मरीजों को भुगतना पड़ा, जो सरकारी अस्पतालों पर आश्रित थे।
लालू राज में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की दुर्दशा के कारण महीने में औसतन 39 मरीज आते थे। यानी वहां रोजाना केवल एक आदमी पहुँचता था। एनडीए सरकार ने डॉक्टर-नर्स-दवा का बेहतर इंतजाम किया, इसलिए आज स्वास्थ्य केंद्रों पर गरीबों की भीड़ लगती है।
सुमो ने कहा कि लालू प्रसाद के 15 साल में न कोई नया मेडिकल कॉलेज खुला और न नर्सिंग कॉलेज खुला। उस समय नर्सें केरल से आती थीं, जबकि आज बिहार की बेटियां यहीं पढाई कर नर्स बन रही हैं। दूसरी तरफ एनडीए सरकार के समय 4 मेडिकल कॉलेज खुले, 13 नये बनने वाले हैं और पीएमसीएच को ऐसा विश्वस्तरीय बनाया जा रहा है, जहां एयर एम्बुलेंस से मरीज को लाया जा सकेगा। लालू प्रसाद रेफरल अस्पताल, चरवाहा विद्यालय और लालटेन से आगे नहीं सोच पाये।