पटना : राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा 22 करोड़ पौधारोपण का दावा केवल कागजी है।जमीनी हकीकत ठीक इसके विपरीत है। मुख्यमंत्री द्वारा दावा किया गया है कि 2012 में शुरू किये गये हरियाली मिशन के तहत बिहार में 22 करोड़ पौधारोपण किया गया। पुनः पृथ्वी दिवस ( 9 अगस्त 2020 ) तक 2.51 करोड़ के लक्ष्य के विरूद्ध 3.47 करोड़ पौधे लगाये गये। पर ये सारे दावे केवल कागजी है।
राजद प्रवक्ता ने दावे के साथ कहा कि हरियाली मिशन के तहत तथाकथित रूप से लगाये गये 22 करोड़ पौधों मे सरजमीन पर अभी 22 सौ पौधे भी दिखाई नहीं पड़ेंगे। हरियाली मिशन के नाम पर जबरदस्त लूट हुई है और हजारों करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। हरियाली मिशन के पहले 2010 में भी मनरेगा योजना के तहत हजारों करोड़ रूपया वृक्षारोपण के नाम पर खर्च किए गए थे । फिर पृथ्वी दिवस (9अगस्त 2020) पर भी 3.47 करोड़ पौधा लगाने का दावा किया जा रहा है।
चित्तरंजन गगन ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से वृक्षारोपण के नाम पर योजनाबद्ध तरीके से बिहार में बहुत बड़ा घोटाला होते रहा है। उन्होंने वृक्षारोपण के नाम पर राज्य में चलायी गयी सभी योजनाओं का समन्वित रूप से जाँच कराने की माँग की है।
विदित हो कि बीते दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि झारखण्ड से बंटवारे के बाद बिहार का हरित आवरण 9 प्रतिशत रह गया था। 2012 में बिहार में हरियाली मिशन की शुरुआत की गयी और 24 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा गया, जिसमें 22 करोड़ से ज्यादा वृक्षारोपण किया गया। पृथ्वी दिवस, 9 अगस्त 2020 तक 2.51 करोड़ पौधे लगाये जाने के लक्ष्य के विरुद्ध 3.47 करोड़ पौधे लगाये गये। अब राज्य का हरित आवरण 15 प्रतिशत हो गया है और 17 प्रतिशत हरित आवरण प्राप्त करने के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है।