लालू प्रसाद ने अपराध का राजनीतिकरण किया व सत्ता को सम्पत्ति बनाने के अवसर में बदला- सुमो

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पटना : राजद के 25वें स्थपना दिवस पर लालू प्रसाद यादव ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राजद व अपने शासनकाल की उपलब्धियों को गिनवाया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मेरा शासन गरीबों का शासन था। इसके अलावा लालू प्रसाद यादव भाजपा के खिलाफ जमकर बरसे। वहीं, लालू के आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता सह राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने लालू पर जमकर हमला बोला है।

सुमो ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब 30 करोड़ गरीबों के जनधन खाते खुलवा कर बैंक के दरवाजे गरीबों के लिए खोले, तब लालू प्रसाद ने विरोध किया था। यही खाते कोरोना और लॉकडाउन के समय गरीबों का सहारा बने। पैसे सीधे उनके खाते में डालकर मदद पहुँचाई गई। मोदी सरकार ने बिना जाति-धर्म पूछे 8 करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया। बिहार के सभी गावों तक बिजली पहुँचायी गई। गरीबों को घर और शौचालय मिले। किसानों को सालाना 6 हजार रुपये की सम्मान सहायता देने की शुरूआत भी मोदी सरकार ने की। प्रधानमंत्री मोदी का शासन ही गरीबों का राज है, लालू प्रसाद ने तो केवल गरीबों के वोट से परिवार का राज कायम किया।

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सुमो ने अन्य ट्वीट में कहा कि लालू प्रसाद का अहंकार ऐसा कि ऊंची जाति के गरीबों को 10 फीसद आरक्षण देने के मोदी सरकार के फैसले को सही कदम मानने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह जैसे कद्दावर नेता की बात नहीं मानी गई। लालू प्रसाद के अहंकार ने रघुवंश बाबू की जीवनरेखा छोटी कर दी और कई वरिष्ठ नेताओं को किनारे लगा दिया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पर टिप्पणी करने वाले लालू प्रसाद खुद आत्ममुग्धता से ग्रस्त हैं, इसलिए अपने शासन काल में हुए 100 से ज्यादा नरसंहार, नक्सलियों को समर्थन देने के कारण बर्बाद हुई बिहार की खेती, लालटेन युग में ठहरे गांव और फिरौती-अपहरण के चलते 15 साल में हुआ लाखों लोगों का पलायन उन्हें दिखायी नहीं देता। लालू प्रसाद ने अपराध का राजनीतिकरण किया और सत्ता को सम्पत्ति बनाने के अवसर में बदला। क्या यही गरीबों का राज था कि चपरासी की नौकरी देने के बदले गरीब की जमीन लिखवा ली गई?

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