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उपेक्षा से आहत तेज ने नेताओं को लताड़ा, कहा- भौंकने वालों का परवाह नहीं करते

पटना : राजद के 25वें स्थापना दिवस के मौके पर पार्टी नेताओं तथा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए तेजप्रताप यादव ने कहा कि जब हम बोलते हैं तो कुछ लोग हमारा मजाक उड़ाता है, लेकिन उसको यह नहीं मालूम कि जब लालू प्रसाद राजनीति करने आए थे, तो उस समय उनका भी सब मजाक उड़ाया करता था। कहता था कि भैंस चराने वाला क्या राजनीति करेगा? लेकिन आज लालू प्रसाद यादव को सब किस भाव से देखता है, यह बताने की आवश्यकता नहीं है। उसी तरह पार्टी में भौंकने वाला है, लेकिन हम परवाह नहीं करते।

तेज प्रताप ने आगे कहा कि संगठन में सब को लेकर चलना पड़ेगा। किसी को नजरअंदाज करके पार्टी को मजबूत नहीं कर सकते हैं, इसलिए महिलाएं, छात्र, गरीब मजदूर सभी को साथ लेकर चलना होगा। तेज प्रताप ने पार्टी नेतृत्व से आग्रह करते हुए कहा कि सभी जिला अध्यक्षों को गाड़ी मुहैया कराया जाए, जिससे भविष्य में अगर किसी आम नागरिक को कुछ समस्या होती है, और गाड़ी की आवश्यकता होगी तो राजद वह गाड़ी जरूरतमंद लोगों को मुहैया कराएगा। इससे पार्टी का लोगों के बीच सकारात्मक संदेश जाएगा।

तेज प्रताप ने कहा कि आज हमको आने में देर हो गया तो पिताजी फोन करके बोले कि तुम अभी तक क्या कर रहा है? जाओ जल्दी, लेकिन जब तक हम यहां आए तब तक तेजस्वी जी बाजी मार लिए थे। तेजप्रताप की यह बातें सुन सभी नेता खिलखिला कर हंसने लगे और तेजप्रताप भी हंसने लगे। इसके बाद तेज प्रताप ने एक प्रोटेस्ट का जिक्र करते हुए कहा कि जब हम लोग प्रोटेस्ट कर रहे थे तो उपद्रव हुआ था, असली महाभारत हुआ था। उसमें हम गाड़ी के बोनट पर चढ़ गए थे। पुलिस मारपीट कर रही थी, तो हम आगे बढ़ गए। लेकिन, हमको तो नेता सब खींच लिया। हमको आगे नहीं जाने दिया, काहे कि जो आगे जाएगा, जो मार खाएगा वही बड़ा नेता बनेगा। लेकिन सब हमको हाथ पकड़ कर खींच लिया। वहीं, जब फोटो खिंचवाने का बारी आई तब सब फोटो खिंचवाने पहुंच गया। यानी हमको रोकने का भी प्रयास होता है। फिर बाद में तेजप्रताप ने कहा कि जब तेजस्वी यादव देश की राजनीति में व्यस्त रहते हैं तब हम बिहार में मोर्चा संभाल लेते हैं, जब हम बाहर रहते हैं तब तेजस्वी यादव मोर्चा संभाल लेते हैं।

अपने संबोधन में तेज प्रताप ने मुख्य रूप से यह बताने का प्रयास किया कि पार्टी में किसी की भी उपेक्षा नहीं होनी चाहिए। लोगों का जो व्यवहार सामने से होता है वही व्यवहार उनके पीछे भी होना चाहिए। क्योंकि संगठन मजबूत तभी होगा जब सभी को एकसमान भाव और इज्जत दिया जाएगा।