राजद की मांग, भ्रष्टाचार और अफसरशाही पर मुख्यमंत्री स्थिति स्पष्ट करें
पटना : सत्ताधारी दल के विधायक व मंत्री के सनसनीखेज आरोप के बाद सरकार बैकफुट पर है। उस बीच राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा कि जिस प्रकार बिहार सरकार के मंत्री और सत्ताधारी दल के वरिष्ठ विधायक द्वारा सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाये गये हैं, उस परिस्थिति में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार की जनता के सामने स्थिति को स्पष्ट करना चाहिए।
राजद प्रवक्ता गगन ने कहा कि मंत्री और सत्ताधारी विधायक द्वारा आरोप लगाये जाने के चौबीस घंटे बाद भी मुख्यमंत्री की चुप्पी ने आरोपों को और भी अधिक गंभीर बना दिया है। यह कोई राजनीतिक मामला न होकर सरकार के साख का सवाल है। आज सरकार के विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। जिसका बहुत हीं बुरा प्रभाव राज्य के विधि-व्यवस्था से लेकर विकास के कामों पर पड़ेगा। पहले से हीं बिगड़ी विधि व्यवस्था और पिछड़ेपन की स्थिति और भी ज्यादा खराब होगी।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि इसे सरकार और दल के अन्दर का अन्तर्विरोध कहकर नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता है। यह सीधे तौर पर व्यवस्था और सरकार के कार्य-प्रणाली को हीं कटघरे में खड़ा कर दिया है। जिसका स्पष्टीकरण केवल मुख्यमंत्री हीं दे सकते हैं। हालांकि, मंत्री और सत्ताधारी विधायक लद्वारा जिस प्रकार स्थितियों का लचित्रण किया गया है उससे तो लगता है कि अब स्थिति मुख्यमंत्री जी के नियंत्रण से बाहर जा चुका है। फिर भी मुख्यमंत्री जी को बिहार की जनता के सामने आकर स्वयं स्पष्टीकरण देना चाहिए।
विदित हो कि बीते दिन सत्ताधारी दल के विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने भाजपा कोटे के मंत्री समेत बिहार सरकार के अधिकांश मंत्रियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि ट्रांसफर पोस्टिंग के खेल में करोड़ों की हेराफेरी हुई है, यानी करोड़ों का सौदा हुआ है। वहीं, दूसरी तरफ बिहार सरकार के मंत्री मदन सहनी ने कहा कि विभाग के सचिव उनकी बात नहीं मानते हैं, यहां तक कि चपरासी भी मंत्री का कुछ नहीं सुनता। इसके अलावा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि यह बात सत्य है कि बिहार के 20 से 25% अधिकारी विधायकों की बात को एकदम नहीं सुनते हैं।