पटना : भाजपा नेता व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा कि नये आइटी कानून से किसी की निजता या अभिव्यक्ति के अधिकार का हनन नहीं होता, बल्कि इसके गैरजिम्मेदराना इस्तेमाल पर लगाम लगेगी। मर्यादित भाषा में तथ्यों के साथ अपने विचार रखने पर कोई रोक नहीं लगायी गई है। इस कानून के पालन को लेकर किसी को प्रतिष्ठा का प्रश्न नहीं बनाना चाहिए।
सुमो ने कहा कि सरकार ने कानून का पालन के लिए सोशल मीडिया कंपनियों को 15 दिन का समय दिया, जिससे वे किसी कंटेंट के विरुद्ध आपत्ति दर्ज करने वाले अधिकारी की नियुक्ति जैसी शर्तें पूरी कर सकें। इससे सोशल मीडिया को किसी आपत्तिजनक कंटेंट या फोटो का मूल स्रोत शिकायत मिलने के 24 से 36 घंटे के भीतर बताना होगा।
उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में जिस तरह से सामाजिक तनाव फैलाने, राष्ट्रीय सुरक्षा में सेंध लगाने, महामारी के समय कोरोना योद्धाओं का मनोबल गिराने और भारत की छवि खराब करने में सोशल मीडिया का दुरुपयोग बढ़ा है, उसे देखते हुए केंद्र सरकार ने नया आइटी कानून लागू कर एक साहसिक कदम उठाया है।