सेनारी नरसंहार : हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने के निर्णय के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद- सुमो

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राजद बताएं कि सेनारी नरसंहार किसके कार्यकाल में हुआ था

पटना : बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सेनारी में 34 लोगों के नरसंहार के सभी आरोपियों का हाई कोर्ट से बरी हो जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। जब 34 लोगों का संहार हुआ तो आखिर कोई तो गुनाहगार होगा? हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने के निर्णय के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद मगर राजद को बताना चाहिए कि यह नरसंहार किसके कार्यकाल में हुआ था?

उन्होंने कहा कि आखिर क्या कारण था कि जहां 2005 के पहले बिहार में जातीय हिंसा चरम पर थी और नरसंहारों का तांता लगा हुआ था, लक्ष्मणपुर बाथे में 58, शंकर बिगहा और बथानी टोला में 22-22 वहीं मियांपुर में 35 दलित गाजर- मूली की तरह कटे गए थे वहीं 2005 के बाद एनडीए के 15 साल के कार्यकाल में एक भी नरसंहार नहीं हुआ।

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दरअसल, राजद एक साथ रणवीर सेना और एमसीसी को संरक्षण व मदद देता था ताकि समाज में जातीय तनाव पैदा कर वह अपनी राजनीतिक रोटी सेंकता रहे। रणवीर सेना व एमसीसी को सरकार का वरदहस्त था। दोनों को आपस में लड़ा कर राजद 15 साल तक राज करता रहा।

सुशील मोदी ने कहा कि सेनारी की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचने वालों में मैं था और अपनी आंखों से लाशों के ढेर को देखा था। क्रूरता के नंगा नाच के आगे मानवता शर्मसार थी।

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