Swatva Samachar

Information, Intellect & Integrity

Featured Trending देश-विदेश बिहार अपडेट

बिहार को यमराज के भरोसे छोड़ अहंकारवश केंद्र से कोई माँग नहीं करते सीएम- तेजस्वी

पटना : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर एनडीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार से NDA के 40 में से 39 लोकसभा सांसद, 9 राज्यसभा सांसद और 5 केंद्रीय मंत्री है। 16 वर्षों से NDA के CM नीतीश कुमार और दो-दो उपमुख्यमंत्री है फिर भी बिहार वैक्सीन, ऑक्सीजन और बेड की उपलब्धता में देश में सबसे निचले पायदान पर है। इतनी बेशर्म, विफल, नाकारा व निक्कमी सरकार पृथ्वी ग्रह पर कहीं और नहीं मिलेगी।

तेजस्वी ने कहा कि विगत 3-4 वर्षों में आपदा-विपदा जैसे चमकी बुख़ार, बाढ़-सुखाड़, जल जमाव, प्रवासी श्रमिकों का पलायन, कोरोना इत्यादि में बिहार को कभी भी केंद्र सरकार का सकारात्मक सहयोग नहीं मिला। बिहारवासियों ने लोकसभा चुनाव में NDA को प्रचंड बहुमत दिया लेकिन केंद्र सरकार की पक्षपाती नीतियों, निर्णयों और सौतेले व्यवहार से ऐसा प्रतीत होता है मानों केंद्र सरकार बिहार को देश का अभिन्न अंग नहीं मानती। जनसंख्या व क्षेत्रफल के साथ साथ ग़रीबी, बेरोज़गारी, पलायन और कोरोना संक्रमण दर इत्यादि में बिहार देश के अव्वल प्रदेशों में है लेकिन बिहार को उस अनुपात में केंद्र से सहयोग नहीं मिलता।

उन्होंने कहा कि इसका दोषी बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मानता हूँ। क्या आपने किसी बैठक या मोर्चे पर मज़बूती से उन्हें बिहार का हक़ और हिस्सा माँगते देखा व सुना है। बाक़ी प्रदेशों के मुख्यमंत्री तार्किक, तथ्यात्मक तथा आक्रामक रूप से अपने प्रदेश की समस्याओं एवं संसाधनों की कमी, उपलब्धता और केंद्र द्वारा असहयोग इत्यादि को खुल कर अपने प्रदेशवासियों अथवा बैठकों में प्रधानमंत्री को व्यक्त करते है लेकिन बिहार के इतिहास के सबसे कमजोर मुख्यमंत्री डरे सहमे और दुबके से रहते है। वो ना तो प्रदेश में व्याप्त समस्याओं और संसाधनों की कमी को स्वीकार करते है और ना ही अहंकारवश केंद्र सरकार से कोई माँग करते है।

मुख्यमंत्री सिर्फ़ मौत और जाँच के आँकड़े कम करने में व्यस्त और मस्त रहते है। उन्होंने बिहार को भगवान एवं यमराज के भरोसे छोड़ रखा है। इससे शर्मनाक और भ्रमित बात क्या होगी कि अब तो वह कोर्ट को भी गुमराह करने लगे है। हम जानते है अब उनमें विशेष राज्य का दर्जा माँगने की तो छोड़िए बिहार का वाजिब अधिकार व हिस्सा माँगने की भी हैसियत नहीं बची।