तीर के वार से टिमटिमाया झोपड़ी का एकलौता चिराग, ‘राजकुमार’ पहुंचे जदयू के पास

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पटना : विधानसभा नतीजे आने के बाद चिराग पासवान व उनकी पार्टी लोजपा खुलकर खुशियां नहीं मना पा रही है। सबसे पहले विधानसभा में लोजपा को एक सीट से संतोष करना पड़ा। वहीं, अब जो परिस्थिति बन रही है, उस अनुसार लोजपा के एकमात्र विधायक कभी भी चिराग को गच्चा दे सकते हैं।

दरअसल, लोजपा के एकमात्र विधायक कभी भी जदयू में शामिल हो सकते हैं। लोजपा विधायक ने पार्टी छोड़ने का मन बना लिया है। राजकुमार सिंह के जदयू में जाने की खबरें काफी पहले से चल रही है, जब वे जनवरी में पुस्तक विमोचन के मौके पर जदयू नेता व बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी के घर पहुंचे थे। जहां, उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए का मतलब नीतीश कुमार और केंद्र में एनडीए का मतलब मोदी और हम दोनों नेताओं के साथ हैं। सिंह के इस बयान के बाद यह कहा जा रहा था कि वे कभी भी जदयू में शामिल हो सकते हैं।

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लोजपा नेता ने कहा कि वे विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर लोजपा का जदयू में विलय का प्रस्ताव रखेंगे। इसके साथ ही जदयू में जाने को लेकर उन्होंने कहा कि वे पार्टी द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस को लेकर आहत हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में पार्टी द्वारा निर्देश दिया गया था कि एनडीए प्रत्याशी विजय कुमार सिन्हा का समर्थन करना है। वहीं, विधानसभा उपाध्यक्ष को लेकर पार्टी की तरफ कोई दिशा-निर्देश जरी नहीं किया गया था। इसलिए उन्होंने जदयू उम्मीदवार का समर्थन किया। इसके लिए पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया, जिसका मुझे तकलीफ है।

वहीं, इससे अलग चर्चा यह है कि राजकुमार सिंह नीतीश कुमार के करीबी अशोक चौधरी के मित्र हैं। चौधरी के सहारे सिंह की जदयू में जो भी मांगे थी वो पूरी हो गई है। इसके बाद अब वे जदयू में शामिल होने जा रहे हैं!

इससे अलग चर्चा इस बात को लेकर हो रही है कि आखिर राजकुमार सिंह लोजपा छोड़कर जदयू क्यों जाएंगे? इसको लेकर जानकार कहते हैं कि चिराग पासवान केंद्र में एनडीए के साथ हैं, लेकिन बिहार में वे एनडीए के खिलाफ हैं। इस लिहाज से विधायक राजकुमार सिंह सत्ता से दूर होकर तथा अकेले होने के कारण क्षेत्र में किये गए वादों को पूरा नहीं कर सकते हैं। इसलिए मित्र अशोक चौधरी के सहारे वे जदयू में शामिल होना उचित समझ रहे हैं।

बोगो सिंह की जगह बेहतर विकल्प!

वहीं, दूसरी थ्योरी यह है कि राजकुमार सिंह इस चुनाव में जदयू के बाहुबली छवि के नेता बोगो सिंह को हराकर विधानसभा पहुंचे हैं। तथा बोगो सिंह के ऊपर चुनाव के दौरान पैसे बांटने का आरोप लगा था। इस कारणवश जदयू भी चाह रही है कि बोगो सिंह की जगह उसी समाज का कोई नेता, जिसकी छवि अच्छी हो और पढ़ा लिखा हो वे पार्टी में शामिल हो जाए। राजकुमार सिंह द्वारा नीतीश कुमार को नेता मानने के बाद संभवतः जदयू की खोज पूरी होती दिख रही है।

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