शहाबुद्दीन समर्थकों की नाराजगी के बाद बैकफुट पर तेजस्वी, कहा- राजद हर मोड़ पर उनके परिजनों के साथ

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पटना : राजद नेता शहाबुद्दीन की मौत के बाद परिवार वाले दफनाने के लिए सिवान लाना चाहते थे। लेकिन, शहाबुद्दीन के शव को सिवान लाने की इजाजत नहीं मिली। इजाजत नहीं मिलने के बाद तमाम शहाबुद्दीन समर्थक राजद के प्रति उग्र हो गए। गुस्साए समर्थकों ने कहा कि हमारे नेता को सिवान लाने के लिए राजद द्वारा किसी तरह का राजनीतिक मदद नहीं किया गया। राजद और तेजस्वी याद रखे कि अगर मुसलमान चाह लिया न तो तेजस्वी की राजनीतिक कब्र खुद जाएगी। इसके अलावा शहाबुद्दीन समर्थकों ने और भी कई तरह की बातें तेजस्वी के खिलाफ लिखी।

शहाबुद्दीन समर्थकों का गुस्सा देख राजद नेता तेजस्वी यादव बैकफुट पर आ गए। तेजस्वी अपना और अपनी पार्टी के वोटबैंक का ध्यान रखते हुए कहा कि हम ईश्वर से मरहूम शहाबुद्दीन साहब की मग़फ़िरत की दुआ करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि उन्हें जन्नत में आला मक़ाम मिले। उनका निधन पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है। राजद उनके परिवार वालों के साथ हर मोड़ पर खड़ी रही है और आगे भी रहेगी।

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तेजस्वी ने आगे कहा कि इलाज़ के सारे इंतज़ामात से लेकर मय्यत को घरवालों की मर्ज़ी के मुताबिक़ उनके आबाई वतन सिवान में सुपुर्द-ए-ख़ाक करने के लिए मैंने और राष्ट्रीय अध्यक्ष ने स्वयं तमाम कोशिशें की, परिजनों के सम्पर्क में रहें लेकिन सरकार ने हठधर्मिता अपनाते हुए टाल-मटोल कर आख़िरकार इजाज़त नहीं दिया।

अंत तक शासन-प्रशासन ने कोविड प्रोटोकॉल का हवाला देकर अड़ियल रुख़ बनाए रखा। पोस्ट्मॉर्टम के बाद पुलिस प्रशासन उन्हें कहीं और दफ़नाना चाह रहा था लेकिन काफ़ी कोशिशों के बाद कमिशनर से बात कर परिजनों द्वारा दिए गए दो वैकल्पिक स्थानों में से एक ITO क़ब्रिस्तान की अनुमति दिलाई गयी। ईश्वर मरहूम को जन्नत में आला मक़ाम दें और मग़फ़िरत फ़रमाये।

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