वहीं, बीते दिन राज्य सरकार ने 4 अप्रैल से 12 अप्रैल तक बिहार के सभी शिक्षण संस्थान को बंद करने का आदेश दी है। यह निर्णय क्राईसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में लिया गया। अब राज्य सरकार ने शिक्षक और शिक्षेकत्तर कर्मचारियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। जिसमें यह कहा गया है कि शिक्षक और शिक्षेकत्तर कर्मचारियों के लिए स्कूल और कॉलेज खुले रहेंगे। इन लोगों को पहले की तरह ही कोरोना प्रोटोकॉल का ख्याल रखते हुए स्कूल आते रहेंगे।
संस्थानों में कार्यरत शिक्षक और शिक्षेकत्तर दफ्तर में पूर्व की भांति कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए उपस्थित रहेंगे। विद्यालय और कॉलेज प्रबंधन पूर्व निर्धारित परीक्षाओं को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आयोजित कर सकेंगे। सभी शैक्षणिक संस्थान परीक्षा संचालन करने के पूर्व एवं पश्चात संस्थान को सैनिटाइज करना सुनिश्चित करेंगे। संस्थान में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना आवश्यक होगा। सभी संस्थानों के प्रवेश द्वार पर थर्मल एवं सैनेटाइजेशन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। परीक्षा के दौरान सभी परीक्षार्थी, वीक्षकगण एवं केंद्र पर उपस्थित सभी कर्मी मास्क का उपयोग अनिवार्य रूप से करेंगे।
ज्ञातव्य हो कि कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग कोरोना पर नियंत्रण को लेकर अलर्ट मोड पर है और बढ़ रही संख्या पर काबू पाने के लिए आवश्यक तैयारी की जा रही है। इस स्थिति में लोगों के बीच सावधानी बरतने की जरूरत है। इसलिए राज्यवासियों से आग्रह है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलें। साथ ही दो गज की दूरी को जरूरी समझ सामाजिक दूरी का पालन अवश्य करें। इसके अलावे 45 साल से अधिक उम्र के लोग अपने नजदीकी टीकाकरण केंदों पर जाकर टीके जरूर लगवाएं।