Swatva Samachar

Information, Intellect & Integrity

Featured बिहार अपडेट शिक्षा

शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने में नवाचार और अनुसंधान आवश्यक- प्रो0 विद्या कुमार चौधरी

मुंगेर : शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने में नवाचार और अनुसंधान अति आवश्यक है। आज की शिक्षा पद्धति में आचार्यों की भूमिका दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। तकनीकी बदलाव के साथ आचार्यों के मनोवृति में भी बदलाव आवश्यक है। ऑनलाइन पढ़ाई आज की आवश्यकता बन गई है। इसको रुचिकर बनाने के लिए हम सभी को प्रयास करना होगा। उक्त बातें वरिष्ठ माध्यमिक सरस्वती विद्या मंदिर, मुंगेर में भारती शिक्षा समिति, बिहार के तत्वावधान में आयोजित त्रिदिवसीय आचार्य कार्यशाला के दूसरे दिन विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के सह सचिव प्रो0 विद्या कुमार चौधरी ने आचार्यों को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि आज बच्चों में तनाव बढ़ता जा रहा है। इसको कम करने की जरुरत है। निरंतर बच्चों एवं अभिभावकों से संवाद आवश्यक है। सूचनाओं का आदान-प्रदान करें और इसे सही विश्लेषण तक पहुँचाएं। आचार्यों की भूमिका अब कक्षा-कक्ष के साथ व्यक्तिगत समस्या के समाधान से भी जुड़ गया है। हमारे आचार्यों ने नई तकनीक को बहुत तेजी से स्वीकार कर इसे क्रियान्वित करने का प्रयास किया जिसके कारण इसका लाभ भैया-बहनोें को मिला है। यह प्रशंसनीय है। आज की चुनौती को अवसर में बदलकर इसे न केवल कक्षा-कक्ष में बल्कि इसका लाभ समाज तक पहुँचाएं।

मुंगेर विभाग के विभाग प्रमुख राजेश रंजन ने कहा कि कार्य की सफलता टीम वर्क से होती है। आप अपने विचारों का आदान-प्रदान करें एवं लोगों को नई-नई जानकारियों से अवगत कराएंँ। इसके लिए स्वयं का अध्ययन भी आवश्यक है। प्रधानाचार्य नीरज कुमार कौशिक ने कहा कि अब शिक्षा परंपरागत नहीं रह कर नई-नई तकनीक से जुड़ गया है। बच्चों में इच्छाशक्ति बढ़ी है। बच्चे भविष्य के प्रति सजग हुए है। आवश्यक है उसे सही दिशा देने की।

शैक्षणिक क्रियाकलाप की उत्कृष्टता एवं पाठ्यक्रम पर चर्चा करते हुए आचार्य विधान चन्द्र ने कहा कि शिक्षक समाज के सबसे जिम्मेदार एवं महत्वपूर्ण सदस्य होते हैं, क्योंकि उनके शिक्षण के विशिष्ट प्रयास पर ही समाज एवं देश का भाग्य तय होता है। इसके साथ ही उत्कृष्ट शैक्षणिक क्रियाकलाप पर चर्चा की गई जिसमें आचार्य नवनीत चंद्र मोहन, काशीनाथ मिश्र, रविन्द्र कुमार, मदन कुमार सिन्हा, विधान कुमार, गोपाल कृष्ण, चित्रा मिश्रा आदि ने अपने-अपने सुझाव व्यक्त किए।

डाॅ. काशीनाथ मिश्र द्वारा अंग्रेजी संभाषण एवं संस्कृत संभाषण, प्रभारी प्रधानाचार्य अविनाश कुमार द्वारा सुलेख व वेश-बस्ता की व्यवस्था, गृहकार्य व कक्षाकार्य निष्पादन पर आचार्य अरुण कुमार द्वारा वहीं अपना विद्यालय सर्वश्रेष्ठ कैसे बने इस विषय पर आचार्या शीला मेहता द्वारा चर्चा किया गया।

मंच संचालन आचार्या पाणिनी मिश्रा द्वारा किया गया। इस अवसर पर कार्यशाला प्रमुख डा0 नंद किशोर मधुकर के साथ विद्यालय के समस्त आचार्य उपस्थित थे।

मुंगेर से संतोष कुमार की रिपोर्ट