कितने भोले औशर अनजान हैं बिहार के मुख्यमंत्री- तेजस्वी

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पटना : नवादा में जहरीली शराब पीने से नवादा में हुई मौतें को लेकर नीतीश कुमार ने कहा कि जो भी हुआ है, उसकी जांच चल रही है। पटना से वरीय अधिकारियों की टीम गई है। नीतीश के इस बयान के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि 4 दिन पूर्व जहरीली शराब पीने से प्रदेश में 19 मौतें (नवादा-12, सासाराम-5, बेगुसराय-2) हो जाती है लेकिन CM अभी भी जानकारी ही प्राप्त कर रहे है। कितना विचित्र है ना?

तेजस्वी ने कहा कि कल्पना करिए, CM की नज़र में बिहार के आम नागरिकों के जीवन की क्या क़ीमत है? क्या किसी अधिकारी पर कोई कारवाई हुई? मृतकों के परिजन कह रहे है ज़हरीली शराब से उनकी मौत हुई है। पोस्ट्मॉर्टम रिपोर्ट में डॉक्टर भी यही कह रहे है लेकिन प्रशासन कह रहा है कि नहीं संयोग ही ऐसा था कि एक ही दिन सभी की बीमारियों से मौत हो गयी।

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शराबबंदी के बावजूद प्रशासन खुद शराब बनवाता और बिकवाता है, भला वह यह स्वीकार क्यों करेगा कि शराब से मौतें हुई है? बिहार के माननीय मुख्यमंत्री को इतनी साधारण सी बात समझ नहीं आ रही है? क्या उनका कृत्य और बयान दोषी अधिकारियों को संरक्षण प्रदान नहीं कर रहा?

इससे पहले तेजस्वी ने कहा कि बिहार के 59% फ़ीसदी युवा बेरोज़गार है। 95% युवतियाँ बेरोज़गार है। लगभग 50% स्नातक पास युवा बेरोज़गार है। बिहार में पलायन की दर 50% है। बिहार में 16 वर्षों से एनडीए की सरकार है। काफ़ी लंबे समय से केंद्र और राज्य में एक ही गठबंधन की कथित ड़बल इंजन सरकार है लेकिन बिहार के विकास और बेरोज़गारों के सुरक्षित भविष्य लिए सिवाय ज़ुबानी खर्च के वास्तविकता में धरातल पर कुछ नहीं हुआ।

नौकरी-रोजगार की तलाश में युवाओं की दो पीढ़ियाँ बर्बाद हो रही है लेकिन येन-केन-प्रकारेण सत्ता में बैठे लोगों को 60 फ़ीसदी युवा आबादी के वर्तमान और भविष्य की कोई चिंता नहीं है। सोचो, समझों, पहचानों, जागो और संग लड़ो रे..युवा भाई लोग

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