पटना : 23 मार्च को विधानसभा घेराव को लेकर राजद द्वारा निकाले गए रैली में हुए पथराव के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के साथ उनके भाई तेजप्रताप यादव समेत 22 लोगों को नामजद बनाया गया है। इनके इन सब के ऊपर कई तरह के संगीन धाराओं के आलावा धारा 307 यानी की हत्या के प्रयास का भी मुकदमा दर्ज किया गया है।
वहीं इसको लेकर राजद नेतायों की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में राजद के कई बड़े नेता शामिल हुए। इस बैठक में बारे में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजद नेताओं ने फैसला लिया है कि वह इस मुकदमे को लेकर कोर्ट में जमानत करने नहीं जाएंगे। सरकार उन्हें गिरफ्तार करें और जेल भेजे। इस बैठक में यह तय किया गया है कि विपक्ष करो या मरो की तेवर में रहेगी। इस बैठक में बाद होली पर्व के को प्राप्त एक और बैठक आयोजित की जाएगी इस बैठक में आगे की रणनीति तैयार की जाएगी और साथ ही विपक्ष द्वारासड़क पर उतरकर आंदोलन को और अधिक तेज किया जाएगा।
जानकारी हो कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते रहते हैं। इस बार यह अपने ऊपर हुए मुकदमे को लेकर ट्वीट करते हुए दिनकर की पंक्तियों की सहारा लेते हुए लिखा था कि ” मत झुको अनय पर भले व्योम फट जाये, दो बार नहीं यमराज कण्ठ धरता है,मरता है जो एक ही बार मरता है,तुम स्वयं मृत्यु के मुख पर चरण धरो रे,जीना हो तो मरने से नहीं डरो रे!वीरत्व छोड़ पर का मत चरण गहो रे,जो पड़े आन खुद ही सब आग सहो रे!
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बेरोजगारों के लिए नौकरी माँगी तो नीतीश कुमार ने हम पर (307) हत्या का मुक़दमा दर्ज करा दिया।
बेरोज़गारी, महंगाई, भ्रष्टाचार,विधि व्यवस्था, किसानों और ग़रीबों के लिए लड़ने से अगर हमें जेल जाना पड़ेगा तो ख़ुशी से जाएँगे। CM साहब! मैं डरने वालों में से नहीं, संघर्ष हमारे खून में है।