अराजक स्थिति के बावजूद बिहार विशेष सशस्त्र विधेयक पास, CM ने कहा हुई चूक…

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पटना : नीतीश सरकार द्वारा लाए गए बिहार विशेष सशस्त्र विधेयक भारी हंगामे के बीच पारित हो गया है। पुलिस विधेयक सदन में पास करने के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने विधेयक की प्रति को फाड़ कर इस कानून का विरोध किया है। बिल पास होते वक्त पूरा विपक्ष सदन से वॉकआउट कर गया है। बिल को पास कराने के लिए विधानमंडल को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया है। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने कई विधायकों को जबरदस्ती सदन से बाहर निकाली है।

भारी हंगामे के बीच विधानसभा में कई घंटे के बाद कार्यवाही शुरू हुई और विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा आसन पर पहुंचे। अध्यक्ष के पहुंचने के बाद कार्यवाही शुरू की गई और विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक को पारित किया गया। विपक्ष के विरोध को लेकर प्रभारी गृह मंत्री बिजेंद्र यादव ने विपक्ष को लेकर कहा कि उन्होंने बिना विधेयक को पढ़े ही जाना बूझकर हंगामा किया है।

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इस बिल को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अधिकारियों से इस बिल को लेकर गलती हुई है। उन्हें पीसी करके इस बिल के बारे में जानकारी देनी चाहिए थी। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ और यह चूक हुई। सीएम ने कहा कि अन्य राज्यों में यह व्यवस्था है और वहां यह जिम्मेदारी CISF को दी हुई है। बिहार में यही काम बीएमपी को दिया गया है।

विदित हो कि बिहार विशेष सशस्त्र विधेयक को लेकर सड़क से लेकर सदन तक उचित-अनुचित तरीके से विरोध जारी है। सदन के अंदर भारी संख्या में पुलिसबल को तैनाती हुई है। सदन के अंदर पुलिस की तैनाती को लेकर कहा जा रहा है कि बिहार में ऐसा पहली बार हुआ है। सदन के अंदर मौजूद विपक्षी दलों को पुलिसबलों द्वारा जबरन बाहर निकाला जा रहा है। महिला विधायकों के लिए भारी संख्या में महिला सरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। सभी सदस्यों को एक-एक कर बाहर निकाला जा रहा है। कई विधायकों के साथ मारपीट की खबरें सामने आ रही है।

इससे पहले विधानसभा सत्र के दौरान विपक्षी विधायकों द्वारा नीच हरकत देखने को मिला, विपक्षी विधायकों ने आसन से बिल की कॉपी छीनकर फाड़ दी। इसके बाद सदन का माहौल रणक्षेत्र में बदल गया। पक्ष-विपक्ष के बीच मारपीट व गली-गलौज की स्थिति बनी हुई है। मार-पीट में मंत्रिमंडल के सदस्य भी शामिल हैं।

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