पटना : नीतीश सरकार द्वारा लाए गए बिहार विशेष सशस्त्र विधेयक को लेकर बिहार में जमकर जारी है। सड़क से लेकर सदन तक उचित-अनुचित तरीके से विरोध जारी है। सदन के अंदर भारी संख्या में पुलिसबल को तैनात किया गया है। सदन के अंदर पुलिस की तैनाती को लेकर कहा जा रहा है कि बिहार में ऐसा पहली बार हुआ है। सदन के अंदर मौजूद विपक्षी दलों के विधायकों को पुलिसबलों द्वारा जबरन बाहर निकाला जा रहा है। महिला विधायकों के लिए भारी संख्या में महिला सरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। सभी सदस्यों को एक-एक कर बाहर निकाला जा रहा है।
विदित हो कि विधानसभा सत्र के दौरान विपक्षी विधायकों द्वारा नीच हरकत देखने को मिला, विपक्षी विधायकों ने आसन से बिल की कॉपी छीनकर फाड़ दी। इसके बाद सदन का माहौल रणक्षेत्र में बदल गया। पक्ष-विपक्ष के बीच मारपीट व गली-गलौज की स्थिति बनी हुई है। मार-पीट में मंत्रिमंडल के सदस्य भी शामिल हैं।
अध्यक्ष ने बिहार सशस्त्र पुलिस विधेयक को पास कराना शुरू कर दिया। इस बीच राजद के एक विधायक आसन के पास पहुंचकर प्रेम कुमार के हाथों से बिल की प्रति छीन कर फाड़ डाली। हालांकि, अध्यक्ष ने अपने स्तर से बिल की कॉपी को बर्बाद होने से बचाने का भरसक प्रयास किया लेकिन, वे सफल नहीं हो सके। इस बीच सदन के अंदर राजद विधायकों की संख्या कम होने के कारण सत्तापक्ष के विधायकों ने मार-पीट करते हुए राजद विधायकों को सदन से बाहर किया। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच जमकर मारपीट होती रही।
ज्ञातव्य हो कि नीतीश सरकार ने बिहार विशेष सशस्त्र विधेयक लाई है, जिसमें पुलिस को बिना वारंट गिरफ्तारी के साथ साथ किसी की भी तलाशी लेने का शक्ति दिया गया है। इसी बिल को विपक्ष काला कानून बता कर सड़क से लेकर सदन तक विरोध कर रही है।