केंद्र सरकार ने बजट में एलान किया था कि देश में 100 नए सैनिक स्कूल खोले जाएंगे। लेकिन, शिक्षा मंत्रालय ने 100 नए सैनिक स्कूल खोलने के बजाय नवोदय विद्यालय को सैनिक स्कूल में परिवर्तित करने का निर्णय ली। इसको लेकर हरेक रीजन के 5 नवोदय विद्यालय का चयन किया गया है। नवोदय को सैनिक में परिवर्तित करने की खबर बाहर आने के बाद नवोदय विद्यालय के पूर्ववर्ती छात्रों ने केंद्र सरकार से इस निर्णय अनैतिक करार देते हुए बड़े आंदोलन की चेतावनी दे दी।
वहीं, अब केंद्र के इस फैसले को अभाविप ने गलत बताते हुए कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, केन्द्र सरकार द्वारा नवोदय विद्यालयों को सैनिक स्कूलों में बदलने के प्रस्ताव को केन्द्र सरकार द्वारा वापस लिए जाने की मांग करती है। इस संदर्भ में अभाविप का स्पष्ट मत है कि केन्द्रीय बजट 2021-22 की घोषणा के अनुसार 100 सैनिक स्कूल नए खोले जाने चाहिए न कि नवोदय विद्यालयों को सैनिक स्कूलों में बदलना चाहिए।
सैनिक स्कूल तथा विद्यालय स्कूल दोनों अपने उद्देश्यों के संदर्भ में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, दोनों ही तरह के विद्यालयों को आधुनिक शिक्षण उद्देश्यों के अनुरूप विकसित किया जाना चाहिए, अभाविप की मांग है कि सैनिक स्कूलों के निर्माण के लिए अलग से बजट आवंटित कर उनकी संख्या बढ़ाई जाए।
अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि “नवोदय विद्यालयों को सैनिक स्कूलों में नहीं बदला जाना चाहिए, बल्कि नए सैनिक स्कूलों की स्थापना अलग से की जानी चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र के आर्थिक रूप से कमजोर तथा मध्यमवर्गीय परिवारों के प्रतिभाशाली छात्रों के लिए नवोदय विद्यालय बेहद महत्वपूर्ण हैं, अभाविप मांग करती है कि उपर्युक्त प्रस्ताव को वापस लिया जाए तथा सैनिक स्कूलों की स्थापना अलग से हो।”