महिलाओं का सम्मान कोई उदारता नहीं बल्कि हक- सुधा वर्गीज

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पटना : अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ऑक्सफेम इंडिया द्वारा “मार्च फॉर इक्वलिटी” का आयोजन किया गया। मार्च का उद्देश्य बालविवाह, घरेलू हिंसा, समानता को लेकर जागरूकता का संदेश देना था। मार्च में शामिल प्रतिभागियों के हाथों में “प्यार में वार नहीं”, “इन्सान समझो, सामान नहीं”, “मेरा जीवन, मेरा अधिकार” जैसे स्लोगन वाली तख्तियां थी।

इस मौके पर पद्मश्री सुधा वर्गीज ने कहा कि अगर आजकल की लड़कियों पर नजर डालें तो हम पाते हैं कि ये लड़कियां आजकल बहुत बाजी मार रही हैं। इन्हें हर क्षेत्र में हम आगे बढ़ते हुए देखा जा सकता है। विभिन्न परीक्षाओं की मेरिट लिस्ट में लड़कियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं। किसी समय इन्हें कमजोर समझा जाता था, किंतु इन्होंने अपनी मेहनत और मेधा शक्ति के बल पर हर क्षेत्र में प्रवीणता अर्जित कर ली है। इनकी इस प्रतिभा का सम्मान किया जाना चाहिए। और यह सम्मान कोई उदारता नहीं है, बल्कि महिलाओं का हक है।

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पटना बीट्स की कॉर्डिनेटर निशि सिंह ने बताया कि ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से पटनबीट्स का लक्ष्य है कि लड़कियों को जागरूक बनाया जाए। तमाम महिला सशक्तिकरण के कोशिशों के बावजूद आज भी कई लड़कियां अपनी मर्जी से शादी तक नहीं कर पा रही हैं। इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत हस्ताक्षर अभियान से हुई, जिसमें हस्ताक्षर कर के सैकड़ों लोगों ने प्रण लिया कि वे समाज में हर जगह पर महिलाओं को बराबर की सम्मान देंगे।

नारी गुंजन बैंड की महिलाओं की अगुवाई में जानीपुर गांव की महिलाएं, नारी गुंजन प्रेरणा हॉस्टल की छात्राएं समेत सैकड़ों की संख्या में छात्र छात्राएं एवं सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे। कार्यक्रम में पद्मश्री सुधा वर्गीज, वर्क स्टूडियो कोवर्किंग के संस्थापक आलोक कुमार सिंह, अमित, सुप्रिया, राघव, यशस्वी समेत सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित थे।

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