पटना : दिसंबर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने के बाद रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मेरी मुलाकात हुई है और वे मेरे बड़े भाई हैं, उनसे मिलने में कोई परहेज नहीं है। राजनीतिक विरोध अपनी जगह है, लेकिन व्यक्तिगत रूप से जब भी उनको जरूरत होगी उपेंद्र कुशवाहा उनके साथ खड़ा रहेगा।
इसके आगे उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के अंदर क्षमता है और बिहार के विकास में उनका बहुत बड़ा योगदान है और आगे भी हो सकता है। नीतीश कुमार परेशानी में रहकर सत्ता को बचाने में पूरी ताकत का इस्तेमाल करते हैं। लव-कुश पहले भी था, अभी भी एक है और आने वाले दिनों में भी एक रहेगा।
उपेंद्र कुशवाहा व नीतीश कुमार से भेंट के बाद कई तरह की अटकलें लगनी शुरू हो गई थी। वहीं, आज एक अंग्रेजी दैनिक अखबार में प्रकाशित खबर के मुताबिक़ दो सप्ताह के अंदर जदयू में रालोसपा का विलय हो सकता है। राजनीतिक रूप से कमजोर नीतीश कुमार लव-कुश समीकरण को मजबूत करना चाहते हैं, इसलिए संभव है कि पुरानी बातों को पीछे छोड़ते हुए कुशवाहा को पार्टी में शामिल कर सकते हैं। क्योंकि, पार्टी कुछ दिग्गज व पिछड़े चेहरे को लाकर पार्टी मजबूत करना चाह रही है।
सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार लव-कुश समीकरण को साधने के लिए कुशवाहा को पार्टी में विलय का प्रस्ताव रखे थे। उस समय नीतीश ने उन्हें बिहार मंत्रिपरिषद में शामिल करने के प्रस्ताव दिया था। लेकिन, कुशवाहा पार्टी में बड़ा पद मांग रहे थे। सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुशवाहा के प्रस्ताव पर सहमति दे चुके हैं। संभवतः उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बनाया जा सकता है। यानी भविष्य में कुशवाहा को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। वैसे भी कुशवाहा राजनीति की शुरुआत नीतीश कुमार के साथ ही किये थे।