70 के हुए इलेक्ट्रिकल से सोशल इंजीनियर तक का सफर तय करने वाले सुशासन बाबू

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बिहार के मुखिया नीतीश कुमार का आज जन्मदिन है। उनके जन्मदिन के अवसर पर पूरे राज्य में जदयू की तरफ से विकास दिवस मनाया जा रहा है। वहीं देश के तमाम दिग्गज नेताओं द्वारा नीतीश कुमार को उनके जन्मदिन की शुभकामना दिया जा रहा है। नीतीश कुमार ने अपने 70 साल के जीवन में अब तक जो अर्जित किया, उसे प्राप्त करना इतना आसान भी नहीं था।

नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च 1951 को पटना से 35 किलोमीटर दूर बख्तियारपुर में हुआ था। इन्होंने बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से बी.टेक (इलेक्ट्रिकल) पढ़े हैं। नीतीश कुमार अपने दोस्तों के इंजीनियर बाबू कहलाते थे।नीतीश का उपनाम मुन्ना है। नीतीश के पिता एक स्वतंत्रता सेनानी थे।

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वहीं, नीतीश कुमार के इंजीनियरिंग कॉलेज में दोस्त और क्लासमेट रहे अरुण सिन्हा ने अपनी किताब ‘नीतीश कुमारः द राइज ऑफ बिहार’ में लिखा है कि ‘कॉलेज के दिनों में नीतीश कुमार राज कपूर की फिल्मों के दीवाने थे। नीतीश कुमार को 150 रुपए की स्कॉलरशिप मिला करती थी, जिससे वो हर महीने किताबें-मैगजीन खरीद लाते थे।

पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बनने तक का सफर

नीतीश के राजनीतिक करियर की शुरूआत साल 1977 में हुई थी। इस साल नीतीश ने जनता पार्टी के टिकट पर पहला विधानसभा चुनाव लड़ा। हालांकि, उन्हें हार का सामना करना पड़ा, इसके बाद साल 1985 में निर्दलीय चुनाव जीतक नीतीश बिहार विधानसभा के सदस्य चुने गए।

नीतीश का राजनीतिक कद धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा था। इसी बीच साल 1987 को नीतीश कुमार बिहार के युवा लोकदल के अध्यक्ष बन गए। नीतीश राजनीति में पारंगत हो ही रहे थे कि साल 1989 को नीतीश कुमार को जनता दल (बिहार) का महासचिव बना दिया गया।

साल 1989 नीतीश कुमार के राजनीतिक करियर के लिए काफी अहम था। इस साल नीतीश 9वीं लोकसभा के लिए चुने गए। लोकसभा के लिए ये नीतीश का पहला कार्यकाल था। इसके बाद साल 1990 में नीतीश अप्रैल से नवंबर तक कृषि एवं सहकारी विभाग के केंद्रीय राज्य मंत्री रहे। नीतीश का राजनीतिक कद लगातार बढ़ता जा रहा था। साल 1991 में दसवीं लोकसभा का चुनाव हुए नीतीश एक बार फिर से संसद में पहुंचे। इसी साल नीतिश कुमार जनता दल के महासचिव बने और संसद में जनता दल के उपनेता भी बने।

1993 में नीतीश को कृषि समित का चेयरमैन बनाया गया। एक बार फिर से आम चुनाव ने दस्तक दी। साल 1996 में नीतीश कुमार 11वीं लोकसभा के लिए चुने गए। नीतीश साल 1996–98 तक रक्षा समिति के सदस्य भी रहे। साल 1998 ने नीतीश फिर से 12वीं लोकसभा के लिए चुने गए।

इस बीच 1998-99 तक नीतीश कुमार केंद्रीय रेलवे मंत्री भी रहे। एक बार फिर चुनाव हुए साल 1999 में नीतीश कुमार 13वीं लोकसभा के लिए चुने गए। इस साल नीतीश कुमार केंद्रीय कृषि मंत्री भी रहे। साल 2000 नीतीश के राजनीतिक करियर का सबसे अहम मोड़ था। इस साल नीतीश कुमार पहली बार 7 दिनों के लिए बिहार के मुख्यमंत्री बने।

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