बजट में स्वास्थ्य प्रक्षेत्र, इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण और आर्थिक सुधार पर फोकस
पटना : बिहार चैम्बर ऑफ काॅमर्स द्वारा आईसीएसआई, पटना चैप्टर के तत्वावधान में आयोजित ‘पोस्ट बजट सेमिनार’ को सम्बोधित करते हुए बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने कोरोना काल में राजस्व संग्रह में 5 लाख करोड़ की भारी कमी के बावजूद कर में किसी प्रकार की वृद्धि नहीं की है, जबकि इस अवधि में 34 लाख 50 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च किया गया, जो बजट प्रावधान से 4.8 लाख करोड़ ज्यादा है।
स्वास्थ्य प्रक्षेत्र, इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण और आर्थिक सुधार पर सर्वाधिक फोकस किया गया है। केन्द्र सरकार ने स्वास्थ्य प्रक्षेत्र पर 2020-21 की तुलना में 137 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2021-22 में 2.23 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी जबकि जल व स्वच्छता के बजट में 346 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
सुशील मोदी ने कहा कि कोरोना काल में पूरे देश में 80 करोड़ लोगों को 8 माह तक 40 किलो अनाज दिया गया वहीं 40 करोड़ महिलाओं, दिव्यांग,वृद्ध और किसानों को 42 हजार 617 करोड़ रुपये उनके खाते में दिए गए। 8 करोड़ महिलाओं को 3 माह तक मुफ्त 14 करोड गैस सिलेंडर दिया गया। कोरोना काल से उबरने के लिए आत्म निर्भर भारत के तहत 27 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की गई।
कोविड वैक्सीनेशन पर 35 हजार करोड़ खर्च कर प्रति वैक्सीन 700 रुपये की दर से 50 करोड़ लोगों को टीके लगाए जायेंगे। इसके साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण यथा सड़क,पुल, एयरपोर्ट, बंदरगाह, बिजली आदि पर 5 लाख 540 करोड़ रु.सरकार खर्च करेगी। चालू वित्तीय वर्ष में राजस्व संग्रह में कमी के बावजूद सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 4 लाख 39 हजार करोड़ रुपये खर्च किया है।
जल-जीवन मिशन(शहर) के तहत अगले 5 साल में 2 लाख 87 हजार करोड़ रुपये खर्च कर 2 करोड़ा 86 लाख घरों को नल के जल से जोड़ा जाएगा वहीं शहरी स्वच्छ भारत मिशन के तहत 1 लाख 41 हजार करोड़ रुपये कचरा प्रबंधन, प्रदूषण नियंत्रण आदि पर खर्च किए जायेंगे।
बजट में किसानों को 16 लाख करोड़ का कर्ज बैंकों के माध्यम से देने का प्रावधान किया गया है जिसमें डेयरी और मत्स्य किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही सरकार घाटे में चल रहे सरकारी उपक्रमों के विनिवेश के द्वारा 1 लाख 75 हजार करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह करेगी।