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अब मातृभाषा में भी होगी तकनीकी शिक्षा की पढ़ाई, टास्क फोर्स गठित

पटना : वरिष्ठ भाजपा नेता व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी के राज्यसभा में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि बिहार सरकार ने सूचित किया है कि उसने राज्य विश्वविद्यालयों व काॅलेजों के शिक्षकों और समकक्ष संवर्गों के लिए वेतन संशोधन (7वां सीपीसी) की योजना कार्यान्वित की है और 01.01.2016 से 31.03.2019 की अवधि के लिए योजना के कार्यान्वयन पर कुल अतिरिक्त व्यय 767 करोड़ हुए हैं।

उन्होंने अपने उत्तर में कहा कि 7 वां वेतन संशोधन योजना को कुछ शत्र्तों के तहत कार्यान्वित करने तथा योजना की समापन तिथि यानी 31 मार्च 2020 तक आवश्यक दस्तावेजों के साथ पूर्ण प्रस्ताव प्रस्तुत करने वाली राज्य सरकारों को वेतन संशोधन के कार्यान्वन पर हुए अतिरिक्त व्यय के 50 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति की गई। लेकिन योजना की अंतिम तिथि 31.03.2020 तक या उससे पहले आवश्यक दस्तावेजों के साथ पूरा प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किए जाने के कारण बिहार को केन्द्रीय हिस्सा नहीं जारी किया जा सका।

सुशील मोदी के एक अन्य प्रश्न के उत्तर में शिक्षा मंत्री पोखरियाल ने कहा कि भारत सरकार शैक्षिक सत्र 2021-22 से तकनीकी संस्थानों में मातृभाषा में प्रायोगिक आधार पर तकनीकी शिक्षा प्रदान करने पर विचार कर रही है जिसका उद्देश्य उन छात्रों की प्रतिभा का पोषण करना है, जिन्होंने अपनी शिक्षा स्थानीय भाषा में ग्रहण की है। इसके कार्यान्वयन के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है जिसमें आईआईटी और एनआईटी कों प्रतिनिधि को तौर पर शामिल किया गया है।