Swatva Samachar

Information, Intellect & Integrity

Featured नवादा बिहार अपडेट बिहारी समाज

सेविका सहायिका चयन में दलालों का दबदबा

नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों सेविका-सहायिका की बहाली प्रक्रिया बाल विकास परियोजना कार्यालय के द्वारा कराया जा रहा है। बहाली उसी की हो रही है जिसे दलालों का संरक्षण प्राप्त है। इसके पूर्व भी दलालों के दबाव के कारण सेविका सहायिका चुनाव प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया था। बाकी जगहों पर सेटिंग्स कर गुपचुप तरीके से प्रक्रिया पूरा करा दिया गया। इसमें रुपयों का खेल चलता रहा।

सेविका सहायिका चयन प्रक्रिया में अधिकारियों से मिलीभगत कराने का जिम्मा दलाल सेविका पति जितेंद्र कुमार का है।जिसने अपनी पत्नी को भी छल से सेविका के रूप में टकुआटांड वार्ड नंबर छः में बहाल करा लिया है।जिसके बाद नंबर पर रहने वाली सेविका उम्मीदवार के द्वारा लोक शिकायत निवारण में मामलाा दर्ज करायी गयी है। आरोप है की सेविका का रजौली मेें ना तो घर है और ना हीं जमीन। बावजूद वह वोटर लिस्ट में अपना नाम चढ़ा लिया है। साथ ही साथ अपनी पत्नी को भी मूलनिवासी बनाते हुए सेविका बना दिया।

जिसकी जांच लोक निवारण पदाधिकारी के द्वारा कराया गया था।जिसमें साफ शब्दों में बताया गया था कि उक्त व्यक्ति के घर जाकर जांच करने पर पता चला कि उसका घर सिलाव है और वह यहां किराए के मकान में रहता है। वह खाजा बनाने व बेचने का व्यापार करता है। सीडीपीओ कार्यालय से इतना बड़ा गठजोड़ है कि वह अपने धंधों के छोड़ सीडीपीओ कार्यालय में रहकर दिन भर बड़ा बाबू बिजय यादव के साथ दलाली का कार्य कर रहा है। सेविका सहायिकाओं की बहाली में लाखों रुपए की वसूली कर अपने साथ साठगांठ में शामिल अधिकारियों के साथ खुद गुलछर्रे उड़ा रहा है।

ताज़ा मामला हरदिया पंचायत की वार्ड नंबर 10 न्यू सिंगर में हो रही बहाली की है। पर्यवेक्षिका मोनिका कुमारी के वाहन में दलाल बैठा हुआ था। ग्रामीणों ने सेविका प्रक्रिया रद्द होने के बाद उसे पर्वेक्षिका के चार चक्का वाहन में देखा तो हंगामा करने लगे। लोगों ने पुछा कि यह दलाल यहां गाड़ी में बैठ कर क्या कर रहा है।इस बात पर जब मिडिया कर्मियों ने  पर्वेक्षिका मोनिका कुमारी से पूछा कि यह आपका कर्मचारी है या फिर रिलेटिव तो पर्यवेक्षिका ने साफ इंकार करते हुए कहा कि उसे कार्यालय के द्वारा दिया गया है।

कार्यालय में सीडीपीओ सुशीला धान से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया कि उसे कोई जानता भी है।वही उस लड़का से जब पूछा गया तो उसने कहा कि मैं ऐसे ही चला आया हूं तो सोचने वाली बात यह है कि जब उसे कोई जानता पहचानता नहीं है तो पर्यवेक्षक का अपनी वाहन में लेकर कैसे घुम रही है?

एक दिन पूर्व सोमवार को भी मोहनियातरी एवं राजा बिगहा गांव में सेविका चयन प्रक्रिया कराया गया था।जब कोई उसे पहचानते नहीं हैं तो दूसरे दिन मंगलवार को हरदिया पंचायत के न्यू सिंगर में क्यों साथ लाया गया और वह चुनाव प्रक्रिया के दौरान सामुदायिक भवन में चल रहे आम सभा में क्यों नहीं पहुंचा? इससे स्पष्ट हो जाता है कि युवक का मिलाप इन अधिकारियों के साथ है जिस से सेटिंग करा कर सेविका एवं सहायिका की बहाली आसानी से कराया जा रहा है।
उक्त सारे मामले को विडियो में कैद किया गया है।