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‘धारा 15 का उल्लंघन न कर पुरूष शिक्षकों को स्थानांतरण की सुविधा प्रदान करे सरकार’

पटना : राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि नियोजित शिक्षकों की नई सेवा नियमावली मे महिला एवं दिव्यांग शिक्षकों को एक बार स्वैच्छिक स्थानांतरण का लाभ दिया गया है, जबकि पुरूष शिक्षकों को सिर्फ मैच्युअल स्थानांतरण की सुविधा प्रदान की गई है। जिसका लाभ शायद ही किसी को मिल सके। यह मामला पुरूष शिक्षकों में अवसाद का एक कारण बन गया है और अवसाद की वजह से कई जगह आत्महत्या जैसी घटनाएं एवं आकस्मिक मृत्यु भी हो रही है।

भारतीय संविधान की धारा 15 के अनुसार देश की कोई भी सरकार किसी भी तरह की सुविधा प्रदान करने के लिए ” जाति, धर्म, लिंग या क्षेत्र ” के आधार पर भेदभाव नही कर सकती। जबकि शिक्षक/शिक्षिका सेवा नियमावली 2020 मे लिंग के अधार पर स्थानांतरण की सुविधा दी गई है जो संविधान की धारा 15 का सीधा उल्लंघन है।

साथ ही चित्तरंजन गगन ने कहा कि सरकार की मंशा गुणवत्तापूर्ण देने की नहीं है, सरकार आपस में नियोजित शिक्षकों को लड़ाने एवं बांटने की कार्य कर रहीं हैं! सरकार को चाहिए कि किसी प्रकार शिक्षकों की बिच मे भेदभाव नहीं हो सबके हित में एक समान नियम बनायें | राजद नेता ने मांग किया है कि पुरूष शिक्षकों को भी महिलाओं की तरह स्वैच्छिक स्थानांतरण का लाभ मिले क्योंकि पुरूष शिक्षक भी अपने घरो से सैकड़ो किलोमीटर दूर रहकर ड्यूटी करनी पड़ रही है। उन्हें भी अपने परिवार के साथ रहना है, बुढ़े माँ-बाप की सेवा करनी है।