बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा कि बिहार में जिन लोगों ने समाजवाद या सामाजिक न्याय का लेबल लगाकर व्यक्ति केंद्रित दल बनाये, उनके दलों में अब राजकुमारों के रवैये से ऐसी घुटन है कि वजूद बचाना मुश्किल हो रहा है। इन दलों के सांसद, विधायक और पदाधिकारी दूसरे दलों से सम्पर्क में हैं या इस्तीफे दे रहे हैं।
मुख्य विपक्षी दल राजद अपने आंतरिक कलह से ध्यान भटकाने के लिए कभी मानव श्रृखंला बनाता है, तो कभी पेट्रोलियम उत्पाद की मूल्य वृद्धि पर शोर मचाता है। पेट्रोलियम उत्पादक देशों ने कच्चे तेल का उत्पादन काफी कम कर दिया, जिससे इसके दाम 64 डालर प्रति बैरल तक बढ़े और दुनिया भर में पेट्रोल-डीजल की मूल्यवृद्धि अपरिहार्य हो गई। भारत इससे अछूता नहीं रहा।
वैकल्पिक ऊर्जा के विकास पर यदि पिछली सरकारों ने ठीक से काम किया होता, तो आयातित पेट्रोल-डीजल पर हमारी निर्भरता 85 फीसद तक न पहुँची होती और न ही इसके दाम इतने बढ़ाने पड़ते। अब पेट्रोलियम के दाम कम करने के लिए भारत तेल उत्पादक देशों से बात कर रहा है। जल्द ही इसके अनुकूल परिणाम आ सकते हैं।