चिराग के बंगले पर RCP ने चलाया तीर, लोजपा के 200 कार्यकर्ता जदयू में
पटना : गत विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद लोजपा तेजी से टूट को ओर बढ़ रही है। लोजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सूरजभान सिंह की पत्नी ने पार्टी में टूट को लेकर कहा था कि मेरे और मेरे पति सूरजभान सिंह के जिंदा रहते लोजपा का कोई भी नेता इधर-उधर नहीं होगा। न ही पार्टी का कुछ नुकसान होगा। लेकिन, उनके दावे के उलट लोजपा में आज बड़ी टूट देखने को मिली।
पार्टी के कई वरिष्ठ नेता चिराग पासवान दामन छोड़ जदयू का दामन थाम लिया है। इसमें पूर्व प्रदेश महासचिव केशव सिंह, अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पारस नाथ गुप्ता, पूर्व महासचिव रामनाथ रमण, पूर्व महासचिव दीनानाथ कांति, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लेबरसेल के कौशल सिंह कुशवाहा के अलावा पार्टी के 200 कार्यकर्ताओं ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा की उपस्थिति में जदयू में शामिल हुए।
इससे पहले बिहार विधानसभा चुनाव में नोखा सीट जदयू के खाते में जाने के बाद भाजपा नेता रामेश्वर चौरसिया लोजपा में शामिल हो गए थे। वे लोजपा के सिम्बल पर सासाराम से चुनाव लड़े थे। लेकिन, चुनाव जीत नहीं पाए। कुछ ही समय बाद रामेश्वर चौरसिया ने लोजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफ़ा लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान को भेज दिया है।
इस्तीफे को लेकर उन्होंने कहा कि वह पार्टी को समय नहीं दे पा रहे थे, लगा कि अभी काम नहीं कर सकते, समय नहीं दे सकते इसलिए त्यागपत्र दिया है। राजद या कांग्रेस में जाने की सम्भावनाओं से इंकार करते हुए खुद को भाजपा का पुराना कार्यकर्ता बताया।
बहरहाल, चुनाव परिणाम आने के बाद संगठन की नाराजगी को भांपते हुए चिराग ने दिसंबर में लोजपा की प्रदेश कार्यसमिति को भंग कर दिया था। सभी प्रकोष्ठों को भंग करने के बाद यह कहा जा रहा है कि संगठन के अंदर नारजगी को कम करने के लिए चिराग ने ऐसा किया है। लेकिन, ढाई महीने बीतने के बाद अभी तक बात बनती नहीं दिख रही है।